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किशनगंज : वैक्सीन के रख-रखाव को लेकर कोल्ड चेन हैंडलरों को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण।

ईविन एप के माध्यम से वैक्सीन के रख-रखाव में गुणात्मक सुधार, बेहतर प्रबंधन के लिए ई-विन प्रणाली का उपयोग।

  • प्रतिदिन वैक्सीन की खपत की ऑनलाइन होगी इंट्री।
  • सही तामपान में वैक्सीन को क्षेत्र में भेजना सुनिश्चित करें।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, नियमित टीका और कोविड टीका के बेहतर प्रबंधन और रख-रखाव को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। सोमवार को सदर अस्पताल में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में जिले के सभी के कोल्ड चेन हैंडलरों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें वैक्सीन के बेहतर प्रबंधन और रख-रखाव, सही तापमान में वैक्सीन को एक जगह से दूसरे जगह भेजना, ईविन एप पर कार्य करना, प्रतिदिन वैक्सीन की खपत की ऑनलाइन इंट्री करना जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में कोल्ड चेन हैंडलर की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। टीकाकरण में वैक्सीन के रख रखाव के लिए उचित तापक्रम की आवश्यकता होती है, जिसे शीत श्रृंखला कहा जाता है। सभी वैक्सीन को निर्धारित तापक्रम प्लस 2 से 8 डिग्री में रखा जाता है। जिससे वैक्सीन की गुणवत्ता बऱकरार रह सके। प्रत्येक वर्ष कोल्ड चेन हैंडलर का प्रशिक्षण जिलास्तर पर आयोजित किया जाता है। कोल्ड चेन हेंडलर्स को सभी कोल्ड चेन उपकरण आईएलआर, डीप फ्रीजर, कोल्ड बॉक्स, वैक्सीन कैरियर, आइस पैक, थर्मामीटर आदि के उपयोग करने की जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण दे रहे यूएनडीपी के वीसीसीएम् जकी अहमद ने कहा कि ई विन के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने से वैक्सीन की स्थिति और तापक्रम को इंटरनेट से देखा जा सकता है। जब से ई-विन कार्यरत हुआ है, वैक्सीन के रख रखाव में गुणात्मक सुधार आया है। उन्होंने कहा कि कोल्ड चेन हैंडलर टीकाकरण कार्यक्रम की कुंजी होते हैं। महंगे वैक्सीन को सुरक्षित रख रखाव करके ही बर्बाद होने से बचाया जा सकता है। अब कोल्ड चेन हैंडलर को स्मार्ट कार्य करने की आवश्यकता है। क्योंकि अब ई-विन एप के माध्यम से रिपोर्टिंग की जा रही है। शीत श्रंखला को निर्माता से लेकर लाभार्थी तक सुरक्षित रखने की आवश्यकता होती है। यदि शीत श्रृंखला किसी भी स्तर पर ब्रेक होता है, तो वो वैक्सीन खराब हो जाती है। वैक्सीन उपयोगी या अनुपयोगी है, इसकी जांच कोई भी आसानी से कर सकता है। क्योंकि वैक्सीन वायल के ऊपर ही वीवीएम यानि वैक्सीन वायल मॉनिटर का लेवल लगा होता है, जिसका रंग तापमान के अनुरूप बदलता है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार ने बताया कि कोल्ड चेन हेंडलर्स को वैक्सीन के रखरखाव, तापमान निगरानी, वैक्सीन स्टॉक, वैक्सीन वेस्टेज रोकने आदि की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि नियमित टीकाकरण के सभी वैक्सीन एवं सिरिंज के उत्तम प्रबंधन के लिए ई-विन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क प्रणाली वैक्सीन की गुणवत्ता बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हर टीके को रखने की एक निश्चित अवधि होती है। इस दौरान भी उसे एक खास तापमान पर रखना होता है। अगर इसमें कमी या कोई असावधानी हुई तो टीका कारगर नहीं हो पाता है।

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