राजनीति

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने अपने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि जब भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को पता चलता है कि उनकी हार सुनिश्चित है, तो वह दलित कार्ड चल देते हैं।

पटना डेस्क /2002 में जब उन्हें पता था कि, वे उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने सुशील कुमार शिंदे जी को उम्मीदवार बनाया था। 2017 में जब वे जानते थे कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने श्रीमती मीरा कुमार जी को उम्मीदवार बनाया। अब जब उनके पास स्पष्ट रूप से लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए संख्याबल नहीं है तो, वो कांग्रेस के दलित के नेता के. सुरेश जी को नामांकित कर रहे हैं। विपक्ष के लिए क्या दलित नेता केवल और केवल प्रतीकात्मक उम्मीदवार है?

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