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*मोदी चलाते हैं धार्मिक उन्माद का फास्ट फूड चैन और अमित शाह हैं उनके डिलीवरी ब्याय – अखिलेश सिंह*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह के लखीसराय में दिये गये भाषण के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज बकरीद के पाक मौके पर गृहमंत्री अमित शाह की रैली और उसके द्वारा नफरत फैलाने की कोशिश एक घृणित कृत्य है। उनकी बातें समाज में धार्मिक एकता और बन्धुत्व की भावना में जहर घोलने का काम करती है। सच तो यह है कि मोदी और अमित शाह की उपस्थिति ही उत्तेजना और उन्माद पैदा करती है। दरअसल मोदी जी धार्मिक उन्माद का फास्ट फुड चैन चला रहे हैं और अमित शाह हैं उनके डिलीवरी ब्याय। नफरत फैलाने की सारी कोशिशें केवल इसलिए हो रही हैं कि कहीं महागठबन्धन के बनते ही सत्ता हाथ से फिसल न जाय। शिकस्त का खौफ मोदी-शाह के दिलो दिमाग को बिचलित कर रहा है।
डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने आगे कहा कि मोदी और अमित शाह को एकताए एकजूटताए सामाजिक समरसता और धार्मिक सद्भाव की बात से पीड़ा होती है। इसलिए जैसे ही इस तरह की कोई कोशिश फलीभूत होते हुए दिखाई देती है कि उनका मन बेचैन हो जाता है और हाथ तरकश पे चला जाता है। यही कारण है कि जबसे महागठबन्धन की बैठक हुई है तबसे मोदी और शाह के बोल बिगड़ते जा रहे हैं। यूनिफार्म सिविल कोड की बात भी और कुछ नहीं बल्कि मोदी जी का शिकस्त के सामने करतब की कोशिश है।
उन्होंने कहा कि इनको मालूम नहीं कि बिहार की धरती पर केवल धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समरसता की खेती संभव है। यहां के आवो हवा में नफरत का जहर घुल नहीं सकता चाहे मोदी और अमित शाह अपनी एड़ी चोटी भी एक क्यों न कर दें। यहाँ की सामाजिक समरसता और धार्मिक सहिष्णुता चट्टानी एकता के रूप में खड़ी है। मणिपुर हिंसा की आग मे झुलस रहा है और अमित शाह उसको छोड़कर बिहार भ्रमण कर रहे हैं ताकि बिहार भी जले। बिहार की गरीब जनता केन्द्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा की आश लगाये बैठी थी और बदले में धार्मिक उन्माद की घूँटी खिलायी जा रही है। यहाँ उनकी दाल नहीं गलने वाली है।

 

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