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किशनगंज : 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में गैर संचारी रोगों का जोखिम अधिक: डा. राजेश कुमार

कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग, अल्जाइमर और मोतियाबिंद जैसी बीमारियां इस श्रेणी में आती हैं, जो धीरे-धीरे व्यक्ति के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं

किशनगंज, 24 अगस्त (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, गैर संचारी रोग (एनसीडी) आज के समय में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उभर रहे हैं। ये वे रोग हैं जो संक्रामक नहीं होते, लेकिन इनके प्रभाव इतने गहरे होते हैं कि अगर समय पर इनका इलाज नहीं किया गया, तो ये जानलेवा साबित हो सकते हैं। कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग, अल्जाइमर और मोतियाबिंद जैसी बीमारियां इस श्रेणी में आती हैं, जो धीरे-धीरे व्यक्ति के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इन बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनसीडी) के तहत जिले में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए हैं। इन क्लीनिकों का उद्देश्य रोगियों की नियमित जांच और उन्हें समय पर दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। जिले में गैर संचारी रोगों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक शनिवार को आयोजित की गई। यह बैठक दिघलबैंक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई, जिसमें गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी ने अध्यक्षता की। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में सभी गैर संचारी रोगियों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करना था। बैठक में डा. उर्मिला कुमारी ने इस बात पर जोर दिया कि गैर संचारी रोग आमतौर पर शुरुआती चरण में सामान्य प्रतीत होते हैं, लेकिन समय के साथ ये गंभीर रूप धारण कर लेते हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि लोग अक्सर शरीर में होने वाले हल्के लक्षणों को नज़रअंदाज कर देते हैं और समय पर चिकित्सा सहायता नहीं लेते। इसका परिणाम यह होता है कि जब तक रोग की पहचान होती है, तब तक यह काफी गंभीर हो चुका होता है। इसलिए यह आवश्यक है कि किसी भी शारीरिक समस्या के शुरुआती संकेतों को नज़र अंदाज न करें और तुरंत चिकित्सा परामर्श लें। उन्होंने बताया कि एनसीडी क्लीनिकों के माध्यम से जिले के सभी प्रखंडों में इन रोगों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए काम किया जा रहा है। इन क्लीनिकों में मरीजों की नियमित जांच की जाती है और उन्हें आवश्यक दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में गैर संचारी रोगों का जोखिम अधिक होता है। इसलिए इस आयु वर्ग के लोगों को नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। सदर अस्पताल में इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जहां मरीजों की जांच और इलाज मुफ्त में किया जाता है। इसके अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर भी ओपीडी सेवाओं के तहत यह सुविधा प्रदान की जाती है। गैर संचारी रोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष मेडिकल किट उपलब्ध कराई गई हैं। इन किटों में ब्लडप्रेशर जांच मशीन, ग्लूकोमीटर और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं। जांच के दौरान रोग की पुष्टि होने पर मरीजों को संबंधित दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं। डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। इन बीमारियों का पता अक्सर तब चलता है जब यह काफी बढ़ चुकी होती हैं। इसलिए नियमित जांच और समय पर चिकित्सा सहायता लेना बेहद जरूरी है। एनसीडी क्लीनिकों का मुख्य उद्देश्य इन रोगों की समय पर पहचान करना और मरीजों को आवश्यक उपचार प्रदान करना है, ताकि उनके जीवन को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सके। स्वास्थ्य विभाग की यह पहल गैर संचारी रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए एक बड़ी राहत है। लेकिन इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि लोग अपनी सेहत के प्रति सजग रहें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें। गैर संचारी रोगों से बचाव और नियंत्रण के लिए जागरूकता, समय पर जांच और सही इलाज ही सबसे प्रभावी उपाय हैं। डा. राजेश कुमार ने बताया की जिले में गैर संचारी रोगों की रोकथाम और उपचार के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को संकल्प के साथ और बेहतर बनाया जाएगा। इसके साथ ही, सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिए गए कि वे मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें और किसी भी तरह की लापरवाही से बचें। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास जिले के लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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