किशनगंज : मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
सुमन कार्यक्रम के तहत दी जायेगी प्रोत्साहन राशि, राज्य में मातृ मृत्यु दर में आयी कमी

किशनगंज, 28 मार्च (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। इसको लेकर सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को मुख्यालय स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) कार्यक्रम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुमन कार्यक्रम के बारे में सिविल सर्जन ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य अस्पताल या समुदाय में हो रहे वैसे मातृत्व मृत्यु जिन्हें उच्च सुविधा प्रदान कर बचाया जा सकता है उस पर कार्य कर मातृ-मृत्यु दर को कम करना है। वही आइसीडीएस और स्वास्थ्य विभाग के आपसी समन्वय से सुमन कार्यक्रम को सफल बनाया जाएगा। प्रशिक्षक सुमन सिन्हा ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में मौजूद विभागीय कर्मियों को बताया कि सुमन कार्यक्रम के अंतर्गत सुरक्षित मातृत्व सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम के अंतर्गत वैसे सभी कार्यक्रम को जोड़ा गया है जो सुरक्षित मातृत्व स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करता हो। इस कार्यक्रम अंतर्गत अस्पताल को सुविधा युक्त बनाने, रेफरल ट्रांसपोर्ट को सुढ़ करने, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों की गरिमा को बनाए रखना एवं आदरपूर्वक सेवा प्रदान करना, दवा की उपलब्धता आदि को चुस्त-दुरस्त करने पर मुख्य फोकस किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में कहीं भी किसी भी गर्भवती महिला की मृत्यु हो जाती है तो इस सूचना को 104 टोल फ्री नंबर पर सबसे पहले कॉल कर के सूचित करने वाले किसी भी व्यक्ति को 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। बैठक में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि आशा एवं एएनएम को मैटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस (एमडीएसआर) कार्यक्रम के प्रपत्र फार्म का प्रतिवेदन जमा करने को कहा गया है। बैठक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डा. मुनाजीम, सहयोग संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, शिक्षा विभाग के लेखापाल, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य कर्मी मौजूद थे। बैठक में सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि मातृ मृत्यु की सूचना को बढ़ावा एवं सुनिश्चित करने के उदेश्य से सरकार ने सुमन कार्यक्रम के तहत प्राइमरी रिस्पोंडेंट को प्रति मातृ-मृत्यु की सूचना देने पर 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया है। प्राथमिकता के आधार पर प्राइमरी रिस्पोंडेंट के रूप में आशा को प्रोत्साहित किया जाना है। ऐसे सूचना देने पर आशा कार्यकर्ताओं को 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। सिविल सर्जन ने बताया कि सुमन कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु मासिक बैठक किया जाता है। जिसमें सभी सहयोगी संस्था के प्रतिभागियों के साथ बैठक की जाती है जिससे कि मातृत्व म्रत्यु दर को कम करना है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेन्द्र कुमार ने बताया की वैसी मातृ तथा शिशु मृत्यु जिसकी रोकथाम की जा सकती है को शून्य करने के उदेश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत भारत सरकार ने सुमन कार्यक्रम की शुरुआत की है।
कार्यक्रम का लक्ष्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में आने वाली सभी महिलाओं और शिशुओं को अनिवार्य रूप से सम्मानपूर्ण तथा उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सेवाओं के लिए लाभार्थी को किसी भी तरीके से मना नहीं किया जा सकता है। एएनसी, एचबीएनसी, सुरक्षित प्रसव, “0” डोज टीकाकरण, स्तनपान में सहयोग, आवागमन के लिए मुफ्त रेफरल की सुविधा, जन्म प्रमाण पत्र वितरण, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन के लिए सलाह तथा निर्धारित समय सीमा के अंदर के कॉल सेंटर के माध्यम से सभी शिकायतों का निवारण सुनिश्चित किया जाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
चार माध्यमों से दी जायेगी सूचना
- 104 नंबर पर कॉल के माध्यम से
- वेब पोर्टल के माध्यम से
- एसएमएस के द्वारा बीएचएम व एमओआईसी को
- स्वास्थ्य संस्थान के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर
सूचना मिलने पर टीम करेगी जांचडीपीएम डा. मुनाजिम ने कहा कि मातृ-मृत्यु की सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा जांच के पश्चात मातृ-मृत्यु की सूचना को सत्यापित किया जायेगा। इसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मातृ-मृत्यु की प्रथम सूचना देने वाले को भी सत्यापित करेंगे। जिसके बाद प्रोत्साहन की राशि देय होगी। यह प्रोत्साहन राशि आशाओं को अन्य कार्यक्रमों की अन्तर्गत दी जा रही राशि की तरह ही प्रदान की जायेगी। जिसका भुगतान प्रखंड स्तर से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड लेखापाल के सत्यापन के बाद देय होगा।