किशनगंज : कार्मेल मिशन स्कूल में ‘चेस इन स्कूल’ कार्यक्रम से बच्चों ने सीखा जीत का मंत्र
हर छात्रा ने अपनी रचनात्मकता, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और खेल के प्रति जुनून का परिचय दिया

किशनगंज, 07 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, शहर के प्रतिष्ठित कार्मेल मिशन स्कूल में ‘चेस इन स्कूल’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बच्चों के मानसिक विकास और तार्किक सोच को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ। यह आयोजन चेस क्रॉप्स और जिला शतरंज संघ किशनगंज के सहयोग से संपन्न हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व स्कूल के सम्मानित निर्देशक बिन्नी मैरी इसाक, प्रधानाचार्य डा. जॉनसन इसाक और उप प्रधानाचार्य एनामुल हक ने किया। इस आयोजन में जिला शतरंज संघ के महासचिव शंकर नारायण दत्ता की भूमिका बेहद अहम रही। उनके मार्गदर्शन और सक्रिय भागीदारी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। शंकर नारायण दत्ता ने बच्चों को शतरंज के खेल की रणनीतियों और मानसिक संतुलन को विकसित करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक और निर्देशक, कमल कर्मकार, जो एक अनुभवी फिडे इंस्ट्रक्टर और चेस क्रॉप्स के प्रमुख हैं, ने बच्चों को खेल की गहराई सिखाई। उन्होंने ‘चेस इन स्कूल’ कार्यक्रम के आयोजन सचिव के रूप में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान प्रशिक्षक नीरोज खान ने भी बच्चों को खेल की तकनीक और उन्नत कौशल सिखाने में योगदान दिया। कार्यक्रम में विद्यालय की प्रतिभाशाली छात्राओं, जिनमें प्रिया, साक्षी, ज़ैनब, काव्या, जिया, फलक, सृष्टि, नाभ्य, शिफा, मरियम, आरुषि, खुशी, साजदा और फैंसी शामिल थीं, ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। हर छात्रा ने अपनी रचनात्मकता, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और खेल के प्रति जुनून का परिचय दिया। यह कार्यक्रम न केवल शतरंज के प्रति रुचि बढ़ाने का जरिया बना, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास और अनुशासन को भी नई ऊंचाई दी। यह पहल बच्चों में तार्किक सोच, समस्या-समाधान और आत्मनियंत्रण जैसे गुणों को विकसित करने में मददगार साबित हुई। कार्यक्रम की सफलता पर विद्यालय, चेस क्रॉप्स, और जिला शतरंज संघ ने प्रसन्नता व्यक्त की।
शंकर नारायण दत्ता ने कहा कि शतरंज न केवल एक खेल है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास का एक महत्वपूर्ण साधन है। हम चाहते हैं कि हर बच्चा शतरंज के माध्यम से अपने जीवन में नई ऊंचाइयों को छुए। प्रधानाचार्य डा. इसाक ने कहा कि शतरंज के माध्यम से बच्चों का बौद्धिक और नैतिक विकास हमारा मुख्य उद्देश्य है। चेस क्रॉप्स के निर्देशक कमल कर्मकार ने कहा कि हमारा लक्ष्य शतरंज को हर स्कूल और हर बच्चे तक पहुंचाना है।”