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किशनगंज : आशा को 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करने का निर्देश

एनपीसीडीसीएस को लेकर आशा को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण, आशा कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्रों में सभी परिवारों का भरें सी-बैक फॉर्म, गैर संचारी रोग पर होगा विशेष जोर

  • आशा दीदी ग्रामीणों का हाइपरटेंशन, डायबिटीज व कैंसर मरीजों की करेंगी स्क्रीनिंग

किशनगंज, 06 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (गैर संचारी रोगों) पर नजर रखने के लिए जिले में कार्यरत 30 आशाओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर एवं गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी ने संयुक्त रूप से की। उक्त कार्यक्रम में सिविल सर्जन ने बताया कि आशा कार्यकर्ता को वहां दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में समय–समय पर उन्मुखीकरण कर उसके सुदृढ़ीकरण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियो वैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक्स (एनपीसीडीसीएस) कार्यक्रम के अंतर्गत गैर संचारी रोगों को लेकर लोगों को जागरूक करने और उनकी रोकथाम को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। विदित हो कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एनपीसीडीएस (कैंसर मधुमेह हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम) के अंतर्गत पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग फॉर एनसीडी के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के जिले के लोगों की एनसीडी स्क्रीनिंग की जाती है। जिसके तहत कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और लकवा आदि के मरीजों के लक्षणों व सामान्य जांच के आधार पर ऐसे मरीजों को चिह्नित किया जाना है। गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचा कर इलाज में मदद करना है। आशा कार्यकर्ता एचडब्ल्यू, एपीएचसी के अंतर्गत कार्य क्षेत्र में प्रत्येक परिवारों का फैमिली फोल्डर एवं परिवार के 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों का सी-बैक फॉर्म के रूप में भरना है। प्रशिक्षण के दौरान इन सभी कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि प्रशिक्षण कार्य्रकम में रोगों की पहचान व इलाज में मदद कराने के लिए दिया गया है। आशा अपने क्षेत्र के 30 की उम्र पार कर रहे स्त्री व पुरुषों का सी बैक फार्म व फैमिली फोल्डर फार्म भरेंगी। वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम फार्म को एनसीडी एप्लीकेशन पर अपलोड करेंगी। बीमारी की पुष्टि होने पर पीड़ित को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लाकर इलाज शुरू किया जाएगा। सीएचओ सिक्सिता साह ने कहा की अब के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से अब हम लोग हर घर तक पहुंच और लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इसके लिए मजबूत माइक्रो प्लान बनाने की जरूरत है ताकि जहां पर आप कब कार्यक्रम ऑर्गेनाइज करना चाह रहे। उसका माइक्रो प्लान करना आवश्यक है साथ ही कार्यक्रम का नियमित पोर्टल पर एंट्री किया जाना चाहिए। डा. उर्मिला कुमारी ने बताया की जिले में आशा कार्यकर्ता यूपीएचसी एपीएचसी एवं एचएससी के अंतर्गत कार्यक्षेत्र में ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार के अंतर्गत प्रत्येक परिवारों का फैमिली फोल्डर एवं परिवार के 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का सी बैक फॉर्म रुप से भरेगी। एनपीसीडीएस (कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम) के अंतर्गत पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग फॉर एनसीडी के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के जिले के सभी व्यक्तियों का एनसीडी स्क्रीनिंग निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम के तहत कैंसर, मधुमेह, हृदयवाहिका रोग और लकवा आदि के मरीजों की लक्षणों व सामान्य जांच के आधार पर ऐसे मरीजों को चिह्नित करेंगी। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाकर इलाज में मदद करेंगी। ताकि नियत समय पर ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज हो सकेगा। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि सामान्य भाषा में ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, गैर संचारी रोग कहलाता है। ऐसे गैर संचारी पांच रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए आशा दीदी काम करेंगी। इन रोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, बच्चेदानी के मुंह का कैंसर शामिल है। ये सभी रोग खान-पान तथा रहन सहन के स्तर पर निर्धारित होते हैं।

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