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डीएम की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक का आयोजन।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद – जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम 1995 के तहत गठित जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। कैलेण्डर वर्ष 2023 में समिति की यह तृतीय बैठक थी। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार के प्रावधानों के अनुसार 04 निर्धारित बैठकों में इस वर्ष चारों बैठक ससमय पूरी की जाएगी। विगत कैलेण्डर वर्ष में भी नियमों के अनुसार सभी 04 बैठकों का आयोजन किया गया था। उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को निदेश दिया कि अधिनियम अंतर्गत नियम 17(क) के तहत अपने-अपने अनुमंडलों में भी अनुमण्डल स्तरीय सर्तकता एवं अनुश्रवण समिति की चारों बैठक का आयोजन ससमय सुनिश्चित करें। इन बैठकों में अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार के विरूद्ध शून्य सहिष्णुता के सिद्धान्त का अक्षरशः अनुसरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मुआवजा भुगतान के 400 से ज्यादा मामलों को स्वीकृत किया गया है। कैलेण्डर वर्ष 2023 में अबतक 380 लाभुकों के बीच 2 करोड़ 19 लाख 23 हजार रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। अत्याचार निवारण प्रक्रिया में सम्पूर्ण तंत्र संवेदनशील, तत्पर एवं सजग है।

डीएम डॉ. सिह ने कहा कि अधिनियम के तहत लंबित कांडों के निष्पादन हेतु त्वरित अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण करने तथा ससमय राहत अनुदान की राशि उपलब्ध कराने के लिए सभी कार्रवाई की गयी है। राज्य सरकार के संकल्प के उपबंधों के अनुसार अत्याचार के पीड़ितों, उनके परिवार के सदस्यों और आश्रितों को 24 घंटा के अंदर मुआवजा भुगतान सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही उक्त योजना के तहत अन्य सुविधाएं निर्धारित समय में उपलब्ध करायी जाती है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सुसंगत धाराओं के तहत निर्धारित अवधि में अन्वेषण और आरोप पत्र दाखिल करने के लिए अपेक्षित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।

आज के इस बैठक में समिति के सदस्य-सचिव-सह-जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना श्री राणा वैद्यनाथ प्रसाद सिंह द्वारा विस्तृत भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। डीएम डॉ. सिंह द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम-1995 के अन्तर्गत आयोजित विगत बैठक के अनुपालन स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। पुलिस द्वारा प्रतिवेदित एवं निष्पादित कांडों, समर्पित आरोप पत्रों, गिरफ्तारियों एवं मुआवजा भुगतान से संबंधित मामलों के भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन पर विस्तृत चर्चा हुई।

बैठक में माननीय विधायकों, जन-प्रतिनिधियों एवं अन्य सदस्यों द्वारा अपना-अपना सुझाव दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सुझावों पर नियमानुसार अपेक्षित कार्रवाई की जाएगी।

जिला कल्याण पदाधिकारी ने समिति के माननीय सदस्यों के संज्ञान में लाया कि मुआवजा राशि के भुगतान हेतु 21 आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया में है। जिलाधिकारी द्वारा इसे भी शीघ्र निष्पादित करने का निदेश दिया गया।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या के मामले में कुल 71 मृतकों के आश्रितों को पेंशन की राशि प्रदान की जा रही है। प्राथमिकता के आधार पर अगस्त, 2023 तक पेंशन भुगतान किया जा चुका है।

वर्ष 2018 से 2021 तक के पुलिस अधीक्षक स्तर से प्राप्त मामलों में 440 स्वीकृत मामलों को निष्पादित किया गया है। लंबित मामलों की संख्या शून्य है।

पीओए पोर्टल प्रतिवेदन के अनुसार दिनांक 04.05.2022 से 06 सितम्बर, 2023 तक पुलिस थानों में दर्ज प्राथमिकी के मामलों में 493 के विरूद्ध भुगतान कर दिया गया है। जिलाधिकारी द्वारा शेष मामलों को भी नियमानुसार शीघ्र निष्पादित करने का निदेश दिया गया।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियमावली 1995 के नियम 11(1) के तहत गवाह/साक्षी को आने-जाने के लिए 100-100 रुपये तथा एक दिन की निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की राशि की समतुल्य राशि अर्थात् 557 रुपये देने का प्रावधान है। इसके तहत संभवतः बिहार में पहली बार पटना जिले के कुल 18 व्यक्तियों को 10,026 रूपया की राशि का भुगतान किया गया है। इसके नियमित कार्यान्वयन हेतु सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित प्रणाली विकसित की गई है।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा जिला कल्याण पदाधिकारी को अधिनियम अतर्गत नियम 15 (1) (घ) के तहत सरकारी उपक्रम में रोजगार के लंबित मामलों को सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा निर्धारित प्रावधानों के आलोक में आवश्यक कार्रवाई करते हुए अनुकम्पा समिति को शीघ्र भेजने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि अनुकम्पा समिति की विशेष बैठक बुलाकर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई की जाएगी। विदित हो कि इस वर्ष आयोजित प्रथम बैठक मेें अधिनियम अतर्गत नियम 15 (1) (घ) के तहत मृतक श्री सूरज पासवान की आश्रिता उनकी पत्नी श्रीमती अनिता कुमारी को कार्यालय परिचारी के पद पर नौकरी हेतु नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया था।

डीएम डॉ. सिंह ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करने का निदेश दिया।

जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा ने अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले मामलों को संवेदनशीलता के साथ ससमय निष्पादित करने का निदेश दिया। इस अधिनियम के प्रावधानों का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु हम सबको दृढ़संकल्पित रहना होगा।

इस बैठक में माननीय विधायक, फुलवारीशरीफ़ श्री गोपाल रविदास, माननीय विधायक, पालीगंज़ श्री संदीप सौरभ, उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया, नगर पुलिस अधीक्षक मध्य श्री वैभव शर्मा, विशेष लोक अभियोजक, अपर समाहर्त्ता विशेष कार्यक्रम, अपर समाहर्त्ता, जिला कल्याण पदाधिकारी एवं समिति के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

डीपीआरओ, पटना।

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