किशनगंज : जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा डीआरडीए स्तिथ रचना भवन में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का किया गया आयोजन।

बाल संरक्षण से जुड़े प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर थानाध्यक्षों के साथ एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह संवेदीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।
- डीडीसी, एसडीपीओ, सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई ने दीप प्रज्जवलित कर किया उदघाटन।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, रचना भवन में शनिवार को बाल सरक्षण इकाई के द्वारा पोस्को एक्ट व बाल संरक्षण से जुड़े प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर थानाध्यक्षों व बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों के साथ एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह संवेदीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन डीडीसी मनन राम, एडीएम अनुज कुमार, एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी, व सहायक निदेशक रवि शंकर तिवारी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। जिले के सभी थानाध्यक्ष्यों, सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी एवम अन्य सभी पुलिस पदाधिकारी तथा बाल संरक्षण से जुड़े अन्य हितधारकों का पॉक्सो, 2012, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 एवम बाल संरक्षण से संबंधित अन्य प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला जिले के डीआरडीए, रचना भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला। उक्त कार्यशाला का उद्घाटन मनन राम, उप विकास आयुक्त, किशनगंज द्वारा किया गया। कार्यशाला में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, रविशंकर तिवारी, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस, किशोर न्याय इकाई के सदस्य सहित जिले के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला में शाहिद जावेद, कॉसल्टेंट, यूनिसेफ सह एससीपीएस, बिहार एवम सैफउर्ररहमान, परामर्शी, यूनिसेफ सह एससीपीएस, बिहार ने रिसोर्स पर्सन के रूप में सभी थानाध्यक्ष्यों, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों एवम बाल संरक्षण से जुड़े अन्य स्टेकहोल्डर्स को जे जे एक्ट, 2015 एवम पास्को एक्ट, 2012 इनसे संबंधित राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमावली के सभी महत्वपूर्ण धाराओं एवम नियमों यथा विधि विरूद्ध बालक, किशोर न्याय परिषद, विशेष किशोर न्याय इकाई, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी आदि से संबंधित जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त विधि विरूद्ध बालकों को जेल में नहीं रखे जाने से संबंधित जानकारी, बाल अधिकार, बाल संरक्षण, बाल श्रम की मनाही, विधि विरूद्ध बालक एवम देख रेख़ तथा संरक्षण वाले बालकों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाय आदि से संबंधित प्रावधानों की जानकारी दी गई। देखरेख एवं संरक्षण के दायरे की विस्तृत चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की केवल बिहार में ऐसे 1 करोड़ बच्चे हैं जिन्हें किसी न किसी कारण से पुलिस, चाइल्डलाइन, बाल संरक्षण इकाई की जरूरत पड़ती है, समय पर उन्होंने सहयोग न मिलने से यह संभावना बनी रहती है कि बच्चे किसी तरह की प्रताड़ना का शिकार बने अथवा गलत संगति में जाकर विधि निरुद्ध बच्चे में परिवर्तित हो जाएं। पोक्सो कानून 2012 के तहत किसी भी बच्चे (18 वर्ष से कम) के साथ किसी भी तरह का यौन दुर्व्यवहार के संबंध में यह दायित्व है की शिकायत तुरंत दर्ज किया जाए, शिकायत दर्ज नहीं करने पर संबंधित पुलिस पदाधिकारी को भी 6 माह की सजा दी जा सकती है-कार्यशाला में यह जानकारी दी गई।
बच्चों से नशे का कारोबार करने वाले या नशीली सामग्री देने वाले को सात साल की सजा का प्रावधान है, यह जानकारी भी दी गई। ऐसे कई अन्य विषयों पर चर्चा की गई। अंत में सभी थानाध्यक्षों, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी एवम अन्य से अपने अनुभव बताने के कहा गया, जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों को बताने के साथ साथ आज के ट्रेनिंग सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम को काफी संतोषप्रद एवम उपयोगी बताया। अंत में श्री तिवारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया।