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किशनगंज : कुष्ठ रोगी खोजी अभियान में जिलेवासी बढ़ चढ़कर हिस्सा लें: जिलाधिकारी

जिले में 19 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक जिले में चलाया जायेगा "कुष्ठ रोगी खोजी अभियान, कुष्ठ रोग के मिथकों और गलत धारणाओं को समाप्त करना अत्यंत आवश्यक, 2030 तक कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य

किशनगंज, 30 अगस्त (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में आगामी 19 सितम्बर से होने वाले कुष्ठ रोगी खोजी अभियान को सफल बनाने के लिए शुक्रवार को जिला सभागार में जिलाधिकारी तुषार सिंगला की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जिले के सिविल सर्जन एवं सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिले में छिपे हुए कुष्ठ रोगियों की पहचान करना और उन्हें उचित चिकित्सा सेवाएं प्रदान कराना था। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी द्वारा कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो समाज के विभिन्न हिस्सों में अब भी व्याप्त है। उन्होंने कहा कि यह एक संक्रामक रोग है लेकिन समय पर पहचान और उपचार से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, यह चिंता का विषय है कि लोगों में अभी भी इस रोग को लेकर जागरूकता की कमी है। कुष्ठ रोगियों को समाज से अलग-थलग करने की बजाय, उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की आवश्यकता है।

जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि कुष्ठ रोग के प्रति समाज में मौजूद मिथकों और गलत धारणाओं को समाप्त करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को नियंत्रित करना और 2030 तक इसे पूरी तरह से समाप्त करना हमारा सामूहिक लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कुष्ठ रोग से जुड़े कलंक और भेदभाव को खत्म करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि मरीज बिना किसी डर या शर्म के आगे आकर अपना इलाज करवा सकें।

कार्यशाला के दौरान डीएम ने आम जनता से अपील की कि वे इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग के लक्षण दिखने पर व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में जांच करवानी चाहिए। यदि प्रारंभिक चरण में इस बीमारी की पहचान हो जाती है, तो इसका इलाज अधिक प्रभावी हो सकता है, और मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है कि वे कुष्ठ रोग के प्रति अपनी सोच बदलें और इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें तभी हम 2030 तक इस बीमारी को समाज से पूरी तरह से मिटा सकते हैं और एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं।

जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को डरने या शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है। डीएम ने कहा कि 2030 तक कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब समाज के हर व्यक्ति का सहयोग मिलेगा। इसके अलावा, जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से कहा कि वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जाकर लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक करें। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत विशेष रूप से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक पहुंचने की योजना बनाई गई है, ताकि वे भी चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकें।

सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने कुष्ठ रोग की पहचान, इसके लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग का इलाज पूरी तरह से मुफ्त है और सरकार द्वारा इसके लिए आवश्यक सभी दवाएं उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा, इलाज के दौरान मरीज को किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी न हो, इसके लिए भी सरकार द्वारा विशेष योजनाएं चलाई जा रही है। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केवल चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि लोगों में जागरूकता फैलाना भी जरूरी है, ताकि वे समय पर इलाज करवा सकें। इस कार्यशाला के माध्यम से न केवल कुष्ठ रोग की पहचान और उपचार पर ध्यान केंद्रित किया गया, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रेरित भी किया गया। उन्होंने बताया कि जिले में कुष्ठ रोग के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगी और इस बीमारी को जड़ से खत्म करने में सफलता प्राप्त होगी। जिले में 19 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान चलाना है जिसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने निर्देश सह गाइडलाइंस जारी किया है। जिसके माध्यम से खोजी अभियान को सफल बनाया जाना है। इस क्रम में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अपने स्तर से सुपरवाइजर, आशा एवं पुरुष कार्यकर्ता के लिए प्रशिक्षण आयोजित करेंगे। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए बैनर व पोस्टर आदि का प्रयोग किया जाए।

गौर करे कुष्ठ रोग के लक्षण में चमड़ी के रंग से फीके या बदरंग दाग धब्बे, जिसमें सुनापन्न हो यानी जिन दागों में खुजली, जलन या चुभन न हो। चेहरे पर लाल, तामिया, तेलिया चमक हो। तंत्रिकाओं में सूजन, मोटापा, हाथ-पैरों में सुनापन्न और सूखापन हो।

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