*भ्रष्टाचार-झारखंड राज्य सरकार द्वारा अनुबंध प्राप्त निजी कंपनियों के द्वारा लगातार जारी है, फर्जीवाड़ा के माध्यम से सरकारी खजाने की लूट जो थमने का नाम ही नही ले रहा।…..*
यू कहे झारखंड मे भ्रष्टाचार चरम पर......
संबंधित विभाग जिला शिक्षा कार्यालय एवं झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची भी है, मौन।
जाली मोहर और हस्ताक्षर से हो रही पैसे की फर्जी निकासी
झारखंड राज्य में संबंधित विभाग झारखंड शिक्षा योजना परिषद,रांची द्वारा अनुबंध प्राप्त निजी कंपनियो के द्वारा अनुबंध के नियमो का लगातार किया जा रहा है, उलंघन।
एक्स्ट्रा मार्क्स निजी कंपनी के जिला प्रतिनिधि से जुड़ा है, मामला
क्या है, पूरा मामला जाने विस्तार से..
आर के पाण्डे/झारखंड-आईसीटी योजना अंतर्गत झारखंड राज्य में एकस्ट्रा मार्क्स निजी कंपनी जो की झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद रांची के द्वारा अनुबंध प्राप्त है। के द्वारा वर्तमान समय में 257+930 कुल 1,187 आईसीटी लैब राज्य के सभी 24 जिलों के सरकारी विधालयो में पिछले साढ़े चार वर्षों से (257) विधालयो में एवं पिछले डेढ़ वर्षों 930 सरकारी विधालयों में संचालित है।
जिनमें प्रॉजेक्ट के प्रारंभिक दौर से ही आईसीटी उपकरणों के विधालयो में सप्लाई से ले कर उनके मेंटनेस में संबंधित निजी कंपनी एक्स्ट्रा मार्क्स के द्वारा घोर अनियमितता बरती गई है। आज भी इनके द्वारा अधिष्ठापित आईसीटी लैब में गड़बड़िया है। इनके द्वारा अधिष्ठापित ज्यादातर आइसीटी लैंब में इंटरनेट को सभी कंप्यूटर में सुचारू रूप से चलाने के लिए नेटावर्किंग स्विच पोर्ट डी-लिंक ज्यादर विधालायो में अधिष्ठापीत ही नहीं गया है। नेट के संचालन हेतु इनके द्वारा उपलब्ध कराए गए जियो राउटर को समय से रिचार्ज भी नही कराया जाता, ज्यातर आइसीटी लैबो में संचालित स्मार्ट बोर्ड में आइरिस काम ही नहीं करता अगर कोई सिस्टम जैसे यूपीएस, सीपीयू, मॉनिटर, प्रॉजेक्ट महीनो से खराब ही पड़े रहते है, उनके मेंटनेस पर कंपनी के द्वारा आज तक कभी सही समय पर ध्यान ही नहीं दिया जाता।
कुछ विद्यालय में तो एक वर्ष से भी ऊपर हों चला है, जहा इनके द्वारा अधिष्टथापित आईसिटी लैब खराब पड़े हुऐ है, परंतु उन्हें देखने वाला कोई नहीं है, जबकि इसकी शिकायत सम्बन्धित विद्यालय के प्रभारी/प्राचार्य एवं वार्डन के द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय को बराबर किया जाता रहा है। जिसके बावजूद जिला समग्र शिक्षा कार्यालय के जिला एम.आए.एस. कोऑर्डिनेटर संजय सिन्हा के द्वारा कंपनी के हित को ध्यान में रखते हुए बराबर इन मामलों के संदर्भ में कार्य किया जाता है, यहां तक कि कुछ संबंधित विधालय के प्रभारी एवं वार्डन को कंपनी का पक्ष रखते हुए धमकाया भी जाता है। इस बात की शिकायत खुद संबंधित विधालय के प्रभारी और वार्डन भी करते है। जो दुर्भाग्य पूर्ण है। गौर करने की बात यह है, की आईसीटी लैब का अधिष्ठापन त्रुटी-पूर्ण होने के बावजूद संबंधित विभाग द्वारा इन निजी कंपनि के द्वारा किए गए कार्यों का सही मूल्यांकन किए बिना ही बराबर भारी राशि का भुगतान कर दिया जाना कही न कही संबंधित विभाग को भी कटघरे में खड़ा करता है, जो अत्यंत ही दुर्भाग्य पूर्ण है। राज्य सरकार को इस विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए परंतु उपरोक्त मामलों में पिछले लगभग डेढ़ वर्षो के गुजर जाने के उपरांत भी जिला शिक्षा कार्यालय से ले कर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, रांची तक सभी की चुप्पी पर एक प्रश्न चिन्ह है।
सूत्रों के हवाले से खबर है, की संबंधित निजी कंपनी एकस्ट्रा मार्क्स के द्वारा सरकारी विधालायो में आईसीटी लैब इंस्टॉल करने के बाद एक्सट्रा मार्क्स कंपनी के कोडरमा जिला में कंपनी एकस्ट्रा मार्क्स के द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि राजू मंडल एवं कंपनी के द्वारा ही नियुक्त उसके एक और सहकर्मी के द्वारा जाली मोहर और संबंधित विधालयो के प्राचार्य के फर्जी हस्ताक्षर कर के जाली तिमाही प्रतिवेदन जमा कर पैसे की निकासी करने का मामला प्रकाश में आया है। इस बात की पुष्टि नाम नही छपने के शर्त पर विभागीय सूत्र भी कर रहे हैं। जो निसंदेह जांच का विषय है।
नाम न छापने की शर्त पर विभागीय सूत्र ने बताया कि स्कूलों में आईसीटी लैब का अधिष्ठापण प्रतिवेदन की एक प्रति संबंधित विधालय के हेडमास्टर को आज तक नहीं दीया गया है। इसके अलावा संबंधित कंपनी एकस्ट्रा मार्क्स के प्रतिनिधि राजू मंडल के द्वारा परियोजना के प्रारंभिक दौर से ही आईसीटी लैब युक्त विधालयो का नियमित रूप से भ्रमण/निरीक्षण भी नहीं किया जाता है। एवं फर्जी तरीके से तिमाही प्रतिवेदन बनाकर संबंधित विधालयो के जाली मोहर और प्राचार्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर जिला के समग्र शिक्षा विभाग में जमा किया जाता है। जिसे जिला शिक्षा कार्यालय भी बिना जांच के ही आंखे बंद कर राज्य कार्यालय को भेज देती है।
संबंधित कंपनी एकस्ट्रा मार्क्स के जिला प्रतिनिधि राजू मंडल के साथ में ही एकस्ट्रा मार्क्स कंपनी में ही कार्यरत उसके सहकर्मी ने भी कई कागजों पर फर्जी हस्ताक्षर करने की बात स्वीकारी है। साथ ही यह भी बतलाया की अगर विभाग सही से निष्पक्ष हो कर जनवरी 2023 से मार्च 2023 एवं अप्रैल 2023 से जून 2023 के तिमाही प्रतिवेदन की जांच करता है, तो सच्चाई खुद व खुद सामने आ जायेगी। जिला शिक्षा कार्यालय के द्वारा भौतिक सत्यापन किये बिल पास कर दिये जाने की बात कही जा रही है। सूत्र यह भी बताते हैं, कि संबंधित कंपनी के जिला प्रतिनिधि राजू मंडल झुमरी तिलैया, जिला कोडरमा में अवस्थित सीडी इंटर गर्ल्स कॉलेज में कंप्यूटर आपरेटर के रुप में भी कार्यरत हैं, एवं नियमित रूप से अपनी सेवा वहां आज भी दे रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब वे यहां कंप्यूटर आपरेटर के रुप में कार्यरत हैं, तो आईसीटी युक्त विद्यालय का निरीक्षण कब और कैसे करते होंगे। जबकि सूत्र बताते हैं, कि राजू मंडल के कार्यक्षेत्र में जिले के 70 आईसीटी युक्त विद्यालय की जिम्मेवारी है। अगर मामले की सही से जांच हो जाए तो एक बडे़ फजीर्वाड़े का खुलासा हो सकता है।
जब उपरोक्त मामले के संबंध में एम.आई.एस. समन्वयक संजय सिन्हा जिला समग्र शिक्षा,कोडरमा एवं राजू मंडल एकस्ट्रा मार्क्स कंपनी के जिला प्रतिनिधि को दुसभाष के द्वारा संपर्क कर इस मामले के संबंध में बात करने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा दूरभाष के माध्यम से कोई भी जवाब नही दिया गया।