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किशनगंज : ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम: सिविल सर्जन ने दिघलबैंक सीएचसी का किया निरीक्षण

सुरक्षित प्रसव, मुफ्त दवाएं और जांच सेवाएं बनी ग्रामीणों के लिए संजीवनी, मरीजों से संवाद कर स्वास्थ्य सेवाओं की ली जानकारी

किशनगंज,06 जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, ग्रामीण भारत की खुशहाली का मूल आधार उसकी स्वस्थ आबादी है, और इसी सोच के साथ बिहार सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को लगातार मजबूत कर रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने दिघलबैंक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्यांकन किया।

निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन ने अस्पताल परिसर, ओपीडी, प्रसव कक्ष, टीकाकरण कक्ष, दवा वितरण केंद्र, प्रयोगशाला एवं स्टाफ की कार्यप्रणाली का सूक्ष्म अवलोकन किया। उन्होंने उपस्थित मरीजों से संवाद कर सेवाओं की उपलब्धता और संतुष्टि का स्तर जाना।

सुरक्षित प्रसव और मातृ-शिशु देखभाल बनी प्राथमिकता

निरीक्षण के दौरान डॉ. चौधरी ने बताया कि अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुरक्षित प्रसव की बेहतर सुविधा उपलब्ध है। प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी, आवश्यक उपकरण और जीवनरक्षक दवाओं की मौजूदगी से गर्भवती महिलाओं को राहत मिल रही है। साथ ही नवजात शिशुओं के टीकाकरण, तुरंत देखभाल एवं पोषण परामर्श जैसी सेवाएं भी सहज रूप से मिल रही हैं।

मुफ्त दवा और जांच सेवाओं से ग्रामीणों को राहत

सीएचसी में 90 से अधिक आवश्यक दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध हैं। साथ ही ब्लड प्रेशर, शुगर, मलेरिया, हीमोग्लोबिन, पेशाब, डेंगू सहित 12 से अधिक प्रकार की प्रयोगशाला जांच सेवाएं भी मुफ्त में की जा रही हैं। डॉ. चौधरी ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि ग्रामीण मरीजों को इलाज के लिए दूर न जाना पड़े। सभी मूलभूत सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध कराई जा रही हैं।”

सेवा में पारदर्शिता और करुणा का संदेश

निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन ने चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया कि वे मरीजों से सहानुभूतिपूर्ण और सम्मानजनक व्यवहार करें। उन्होंने कहा, “हर मरीज को करुणा और संवेदनशीलता के साथ सेवा देना ही सच्ची चिकित्सा सेवा है।”

टीकाकरण और रोग नियंत्रण में उल्लेखनीय कार्य

दिघलबैंक सीएचसी पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावी रूप से संचालित हो रहे हैं। साथ ही कोविड टीकाकरण, परिवार नियोजन, क्षयरोग उन्मूलन, मलेरिया नियंत्रण, और गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन जैसे अभियान भी सक्रिय हैं।

स्वास्थ्य सेवा को मजबूती देने में स्टाफ की केंद्रीय भूमिका

सिविल सर्जन ने कहा कि चिकित्सक, एएनएम, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और सफाईकर्मियों की सामूहिक जिम्मेदारी और समर्पण ने सीएचसी को भरोसेमंद केंद्र बनाया है। उन्होंने सभी कर्मियों को समय पर उपस्थिति, रजिस्ट्रेशन, रेफरल व्यवस्था और इमरजेंसी सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।

सिविल सर्जन का यह निरीक्षण ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र को और अधिक प्रभावी, उत्तरदायी और जनउन्मुख बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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