ब्रेकिंग न्यूज़राज्यविचार

औरंगाबाद : जाने-अनजाने समय-समय पर अपनी समस्याओं का निदान ढूंढता हमारा समाज..

औरंगाबाद/अनिल कुमार मिश्रा, बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले का जदयू नेता विकाश कुमार उर्फ विकाश कुमार मेहता ने केवल सच समाचार के साथ अपने बिचार को साझा किया है और कोरोना/कोविड़-19 का महामारी तथा आपदा की घड़ी में लाँकडाउन-2 ब्यवस्था…पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि जाने-अनजाने समय-समय पर अपनी समस्याओं का निदान ढूंढता हमारा समाज कुछ नई-नई व्यवस्थाएँ ईजाद करता रहा है।यह सच है कि समय के साथ समाज की सोंच, व्यवहार और आवश्यकताएं बदलती हैं।इन आवश्यकताओं के अनुरूप व्यवस्थाएँ भी बदलती हैं।वर्तमान समय में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर या अन्य लोग शहरों से अपने-अपने गांव की ओर लौटे हैं।इस लॉकडाउन में सभी को अपने घर परिवार की याद आ गई।शहरी जीवन के अपने तकाजे होते हैं।यहाँ भी उसकी व्यवस्था चरमरा गई है।कई घरों में राशन के अभाव में चूल्हे तक नहीं जल रहे तो कोई रुखा-सूखा खाने पर मजबूर।इस व्यवस्था को सँभालने के लिए समाज और सरकार दोनों को आगे आना पड़ा।इसलिए आज की जरुरत को देख लोगों के मन ये सवाल है कि काश बिहार में भी रोजगार की व्यवस्था होती।यहाँ भी कल-कारखाने होते तो रोजगार के तलाश में बाहर दर-दर की ठोकरें न खाने पड़ते।जो प्रवासी मजदूर और छात्र आज बिहार के बाहर हैं वर्तमान व्यवस्था को कोसने के आवला कुछ नहीं कर सकते।सरकार के एक हजार रूपये के सहारे लॉक डाउन काट रहे हैं।जो जहाँ हैं वही रहें, घर में रहे, सुरक्षित रहें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button