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किशनगंज : मजबूत इच्छाशक्ति से छोड़ी जा सकती है तंबाकू की लत: सिविल सर्जन

जिले में विश्व तंबाकू दिवस के मौके पर होंगे जागरूकता संबंधी कई कार्यक्रम होंगे आयोजित।

  • तंबाकू उत्पादों का सेवन मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिये खतरनाक।
  • जिंदगी जीने के लिये तंबाकू की नहीं, पौष्टिक आहार की जरूरत है।

किशनगंज, 29 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, तंबाकू का सेवन मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिये खतरनाक है। इसके प्रतिकूल प्रभावों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस का आयोजन किया जाता है। जिले के स्वास्थ्य विभाग इस आयोजन को सफल बनाने के प्रयास में जुट चुका है। इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं “रखा गया है। मौके पर जागरूकता संबंधी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। खासतौर पर कक्षा छह से लेकर 12वीं तक के बच्चों को इसके हानिकारक प्रभाव से अवगत कराने के लिये कई कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं। स्कूली बच्चों के बीच स्लोगन, पोस्टर, निबंध प्रतियोगिता आयोजित किया जायेगा। इसमें सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित किया जायेगा। सोमवार को गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा० देवेंद्र कुमार ने बताया कि आज के दौर में कई गंभीर बीमारियों की मुख्य वजह तंबाकू का सेवन है। युवाओं के साथ छोटे उम्र के स्कूली बच्चों में इसके सेवन की लत बढ़ती जा रही है। हर हाल में इस पर प्रभावी नियंत्रण की जरूरत है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि तंबाकू का सेवन हमारे स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिये बेहद नुकसानदेह है। विभिन्न तरह के कैंसर के पीछे तंबाकू का सेवन मुख्य वजह है। फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है। क्रोनिक यानी लंबे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े व सांस की नली के कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है। धूम्रपान की अधिकता इसकी वजह है। खैनी, पुड़िया, जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है। इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए तंबाकू उत्पादों के सेवन को पूरी तरह मुक्त होना जरूरी है।जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डा० मुनाजिम ने बताया कि तंबाकू की लत काफी खराब होता है। इससे निकलना लोगों के लिये थोड़ा मुश्किल होता है। इससे उबरने के लिये चिकित्सकीय उपचार से ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिंदगी जीने के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत है तंबाकू की नहीं, इसलिये इस गंदी लत को छोड़ कर अनाज, फल- सब्जियां के उत्पादन व सेवन को बढ़ावा देने की जरूरत है।डा० देवेंद्र कुमार ने बताया कि तम्बाकू उत्पादों का सेवन सार्वजनिक स्थानों पर रोकने के लिए सरकार द्वारा कानून जरूरी कानून बनाये गये हैं। इसके लिए तंबाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा लागू किया गया है। कोटपा के तहत सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का सेवन करते पाये जाने पर धारा 4, 5, 6 तथा 7 के तहत कानूनी कार्यवाही व आर्थिक दंड का प्रावधान है। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये की जुर्माना देय है। तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर 1 से 5 साल की कैद व 1000 से 5000 तक का जुर्माना देय है। 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचने वालों को 200 रुपये जुर्माना लगाया जाता है। बिना चित्रित व पैकेट के 85% भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ बेचने पर 2 से 5 साल की कैद व 1000 से 10000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

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