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किशनगंज : महाकाल मंदिर में हुई भगवान चित्रगुप्त की पूजा

पंचांग के अनुसार, साल 2023 में चित्रगुप्त पूजा की शुरुआत 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से हो रही है और 15 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। गुरु साकेत ने बताया कि पंचांग के अनुसार, 14 नवंबर को सुबह 10 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पूजा का पहला मुहूर्त बन रहा है। दूसरा सुबह 11 बजकर 50 अगला मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक पूजा का अभिजीत मुद्द लेख बन रहा है और शाम को 5 बजे से 6 बजकर 36 मिनट तक, पूजा का अमृत काल मुहूर्त बन रहा है। इस दिन दोपहर के समय 3 बजकर 03 मिनट से 4 बजकर 29 मिनट तक राहुकाल का समय है। इस दौरान शुभ कार्यों को वर्जित किया गया है

किशनगंज, 14 नवंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, मंगलवार को महाकाल मंदिर में भगवान चित्रगुप्त की पूजा की गई। चित्रगुप्त हिंदुओं के प्रमुख देवता माने जाते हैं। महाकाल मंदिर के पुरोहित गुरु साकेत ने बताया कि चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ था। इनका कार्य प्राणियों के कर्मों का हिसाब किताब रखना है। गुरु साकेत ने बताया पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा-आराधना भी की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि यमराज के सहयोगी चित्रगुप्त संसार में मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। इस दिन चित्रगुप्त जी के साथ कलम और दवात की भी पूजा का विधान है। कहा जाता है कि ऐसा करने पर जातक को मृत्यु के पश्चात विष्णु लोक की प्राप्ति होती है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे नरक के कष्ट नहीं झेलने पड़ते हैं। महाकाल मंदिर के पुरोहित गुरु साकेत ने बताया कि इस साल चित्रगुप्त की पूजा 14 नवंबर 2023 दिन मंगलवार को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार, साल 2023 में चित्रगुप्त पूजा की शुरुआत 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से हो रही है और 15 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। गुरु साकेत ने बताया कि पंचांग के अनुसार, 14 नवंबर को सुबह 10 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पूजा का पहला मुहूर्त बन रहा है। दूसरा सुबह 11 बजकर 50 अगला मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक पूजा का अभिजीत मुद्द लेख बन रहा है और शाम को 5 बजे से 6 बजकर 36 मिनट तक, पूजा का अमृत काल मुहूर्त बन रहा है। इस दिन दोपहर के समय 3 बजकर 03 मिनट से 4 बजकर 29 मिनट तक राहुकाल का समय है। इस दौरान शुभ कार्यों को वर्जित किया गया है। गुरू साकेत ने बताया कि चित्रगुप्त पूजा के लिए लकड़ी की एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। अब इस पर चित्रगुप्त जी की प्रतिमा स्थापित करें। चित्रगुप्त भगवान को फल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। पूजा के दौरान चित्रगुप्त जी की प्रतिमा के सामने कलम रखें। एक सफेद कागज पर हल्दी लगाएं और उस पर ‘श्री गणेशाय नमः’ लिखें। कागज के नीचे अपना नाम, पता और डेट लिख दें। अपने खर्चों का विवरण लिखें। इसके बाद कागज पर 11 बार ऊँ चित्रगुप्ताय नमः मंत्र लिखें। पूजा के बाद कलम उठाकर अपने पास रख लें और इसका इस्तेमाल करें।

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