बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि ..

मंत्रियों को हिम्मत नही कि अधिकारियों से बात कर लें, इसलिए मंत्रियों का जनता दरबार फेल- मनोज शर्मा
त्रिलोकी नाथ प्रसाद –नकल के लिए भी अकल होनी चाहिए। भाजपा बिहार में सहयोग कार्यक्रम करके अपने मंत्रियों से कार्यकर्ता और आम जनता की समस्या सुनती थी और मंत्री ऑन द स्पॉट फैसला करते थे। अब जदयू के बाद राजद भी प्रदेश कार्यालय में मंत्रियों को बैठाकर जनता दरबार कर रहे है। लेकिन इस जनता दरबार का कोई परिणाम नही है।
जदयू में मंत्री सिर्फ प्रदेश कार्यालय में आकर कोरम पूरा करते है। उनके जनता दरबार मे आम जनता तो दूर कार्यकर्ता भी शामिल नही होते है। एक-आध लोग आते है तो उनकी भी फरियाद नही सुनी जाती है। सुनी भी जाती है तो उनका काम मंत्री नही करा पाते है। आम जनता और कार्यकर्ताओं को खाली हाथ ही लौटना पड़ता है।
मंगलवार से राजद ने अपना जनता दरबार शुरू किया। पहले दिन बड़े उत्साह के साथ मंत्री आलोक मेहता और इजराइल मंसूरी शामिल हुए। लेकिन, पहले दिन ही हंगामा हो गया। लगभग 150 लोग इस उम्मीद से पहुंचे थे कि उनकी फरियाद सुनी जाएगी और उनकी समस्या का समाधान होगा। लेकिन मुंह देख-देख कर मंत्री लोगों से मिलते रहे, इसके बावजूद एक भी फरियादी की समस्या का समाधान नही किया गया।
दरअसल, जदयू और आरजेडी कोटे के मंत्रियों में ये हिम्मत नही है कि वो किसी भी अधिकारी को फोन कर पाएं। क्यों कि बिहार में नीतीश कुमार के अलावा यदि कोई दूसरा अधिकारियों को ऑर्डर दें तो, उन्हें बर्दास्त नही होगा। यही वजह की मंत्री अधिकारियों को फोन करने से डरते हैं। इसलिए तो जनता दरबार मे एक भी फरियादी की समस्या का समाधान नही हो पाता है।