किशनगंज : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिले भर में जागरूकता कार्यक्रम और चिकित्सा परामर्श शिविर का किया गया आयोजन।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सोमवार को गैर संचारी रोग (एनसीडी) द्वारा जिले भर में जागरूकता कार्यक्रम और चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने सदर अस्पताल और मंडल कारा सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि मानसिक रोग का अर्थ केवल दिमागी बीमारी नहीं होती है। नशे की लत के आदि, किसी पारिवारिक परेशानी या अन्य कारणों से लोगों को नींद नहीं आना, रक्तचाप का बढ़ जाना मानसिक रोग की निशानी है। जिससे लोग कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। इसलिए सरकार द्वारा लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के उद्देश्य से जागरूक करने का निर्णय लिया गया है। इसी सिलसिले में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने जिला कारागार में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कैदियों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलायी गई एवं चिकित्सकीय परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। वही कैदियों को मानसिक तनाव से बचने के बारे में जानकारी देते हुए उनकी काउंसिलिंग की गई।उन्होंने बताया कि जागरूकता के मकसद से स्वास्थ्य संस्थानों पर बैनर-पोस्टर, हैंडबिल, पम्पलेट लगाए गए। उन्होंने बताया कि आमजनों को मानसिक तनाव से दूर रखने व इससे बचाव के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के 24×7 मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। टॉल फ्री नंबर- 104 पर डायल कर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श ले सकते हैं। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि किसी भी व्यक्ति में स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई होने, बार-बार नकारात्मक विचारों के आने, आदत, मन एवं एकाग्रता में अचानक परिवर्तन आना, आत्म हत्या का विचार आना अथवा आत्म हत्या करने का प्रयास करना, क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोध, उदासी या खुशी की लागातर अनुभूति होना मानसिक परेशानियों की निशानी है। इस प्रकार की परेशानियों से ग्रसित लोगों को स्वास्थ्य केंद्र के मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।