*बिहार में किसकी बनेगी सरकार

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 08 अक्तूबर :: बिहार में विधान सभा चुनाव लड़ने वालों में NDA (भाजपा+जदयू+ लोजपा+हम+VIP), महागठबंधन (राजद+काँग्रेस+सीपीआई+CPI(M)+ सीपीआई(ML)), बसपा+ रालोसपा ….. आदि पार्टियाँ अपना अपना भाग्य आजमा रही है। इन पार्टियों में NDA की लोजपा अपने ही घटक दल यथा- जदयू+हम+VIP के विरोध में गठबंधन में रहते हुए चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।लोजपा सुप्रीमो -सह- सांसद चिराग पासवान एक तरफ वे प्रधानमंत्री के गुणगान में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ जदयू व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सारे विकास कार्यों को ढकोसला बताकर विरोध जता रहे हैं। लोजपा NDA में रहकर किसका विरोध कर रही है यह विचारणीय विषय है।
लोजपा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं और जदयू के खिलाफ उनके क्षेत्र में कैंडिडेट भी खड़ा कर रहे हैं। वहीं भाजपा के कई कद्दावर नेताओं को अपने दल में शामिल करा रहे हैं। बिहार विधान सभा चुनाव में जहां एनडीए में कलह है वहीं महागठबंधन के बीच वाकयुद्ध और राजनीतिक लड़ाई जारी है। अब बिहार की सत्ता पर काबिज होने की लड़ाई लड़ी जा रही है। लगता है कि सभी दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
लोजपा सुप्रीमो -सह- सांसद चिराग पासवान की यह भूल है या सियासत। जदयू का विरोध या भाजपा का समर्थन। बिहार में लोजपा खुद को स्थापित करने की कोशिश तो कर रही है मगर समझ में नहीं आ रहा है कि। लोजपा सुप्रीमो -सह- सांसद चिराग पासवान भाजपा का अगर गुणगान कर रहे हैं तो भाजपा और जदयू के क्षुब्ध नेताओं को टिकट क्यों बांट रहे हैं।
ऐसी स्थिति में भाजपा को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
क्योंकि लोजपा ने खुद को अलग कर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गुणगान कर रही है और लोजपा सुप्रीमो -सह- सांसद चिराग पासवान कह रहे हैं कि चुनाव के बाद हमारी पार्टी भाजपा को ही समर्थन करेगी। जबकि बिहार में भाजपा ने बयान दिया है कि लोजपा चुनाव में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं कर सकती। बिहार में मतदान के अंतिम समय में जातिगत समीकरण उभर कर सामने आ जाती है। ऐसी स्थिति में गठबंधन की क्या स्थिति होगी यह तो समय ही बतायेगा।
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