औरंगाबाद : STET परीक्षा रद्द करने के खिलाफ एबीवीपी ने दिया धरना..

औरंगाबाद/मयंक कुमार, STET की परीक्षा रद्द करने के खिलाफ बिहार व्यापी धरना के तहत एबीवीपी के द्वारा एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया।उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि नीतीश कुमार ने सुसाशन की परिभाषा ही बदल दी है।बिना किसी जांच पड़ताल के परीक्षा रद्द करना नीतीश कुमार की छात्र विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करता है।एबीवीपी इस मानसिकता के खिलाफ आर पार की लड़ाई तब तक जारी रखेगी जब तक यह निर्णय वापस नहीं ली जाय।वक्ताओं ने राज्य सरकार की छात्र विरोधी फैसले पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा नीतीश कुमार प्रशासनिक अधिकारियों के मनमानी व निरंकुशता पर लगाम लगाए अन्यथा एबीवीपी उन्हें कुर्सी से उतारने के लिए सन 74 की तरह पुनः छात्र आंदोलन को बाध्य होगी।जब इतनी कड़ाई से परीक्षा संचालित किया गया और किसी प्रकार का कदाचार नहीं हुआ, परीक्षा कक्ष में जैमर लगवाया गया, छात्रों के जूते, चप्पल, बेल्ट, मोबाइल तक उतरवा लिया गया तो फिर परीक्षा रद्द करने की कैसी नौबत आन पड़ी।सरकार के द्वारा कोर्ट का अवमानना करते हुए परीक्षा रद्द करना एक कायरतापूर्ण कदम है।सरकार के मंत्री, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी को STET की मलाई खानी थी इसलिए सरकार ने अदालत का निर्णय आने से पूर्व हीं परीक्षा को रद्द कर अपना दामन साफ करने की नौटंकी की।छात्र आंदोलन से ही उपजे बिहार के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री जी आज विक्रमशिला नालंदा व बिहार की धरती पर पिछले 15 वर्षों से ये कैसी शिक्षा दे रहे हैं जिस शिक्षा को पाकर छात्र आज भिक्षा मांगने को मजबूर हैं, एवं उच्च शिक्षा की तरह प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को भी महज औपचारिकता बनाने का षड्यंत्र है।नीतीश कुमार के लिए सुशासन का अभिप्राय भ्र्ष्ट एवं निरंकुश अधिकारियों के गोद में खेलना है, जिसका एबीवीपी आखिरी दम तक प्रतिकार करेगी। सत्ता सुख के लिए शिक्षा विरोधी और छात्र विरोधी निर्णय लेना सरकार को भारी पड़ेगा।यह कैसी बिहार में बहार है जिसमे की युवा बेरोजगार हैं।अभाविप सरकार के इस अमानवीय, निरंकुशता व हिटलरशाही निर्णय के विरोध में जारी रहेगी।