कोरोना महामारी में प्रतियोगी कैसे करें तैयारी:-गौरव जयसवाल (प्रतियोगी, न्यायिक सेवा परिक्षा, दिल्ली)

पटना/श्रीधर पांडे, दुनिया कोरोना से संघर्ष कर रही है, और भारत में लाकडाउन है।जरूरी सेवाओं को छोड़ सबकुछ बन्द है।परिस्थिति कुछ ऐसी बनी की सारी उम्मीदों पर अचानक ब्रेक लग गया।देश में गरीबों की बात हो रही है, मजदूरों की चिंता सत्ता रही है, विधार्थियो को आनलाइन पढाया जा रहा है, नौकरी पेशा लोग घरों से काम कर रहे हैं।लेकिन इन सबके बीच एक वर्ग ऐसा भी है..जो न किसी संस्थान का विधार्थी है और न ही किसी नौकरी में…उनमें से मै हूँ, प्रतियोगी।पढाई पुरी होने के बाद सरकारी नौकरी के लिए संघर्ष करने वाला, एक मध्यवर्गीय परिवार का उम्मीद।यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ एक अनार और सौ बिमार वाली स्थिति है।सब अपनी क्षमतानुसार मेहनत कर रहे हैं।कुछ सफल हो गए..कुछ होने को हैं।हमारा ध्यान तो विज्ञापन निकलते ही, परिक्षा की तिथि पर टिक जाता है।ये कोरोना हमारे सिलेबस में नहीं था।भारत के कुछ शहरों में एक गाँव की उम्मीद का बसेरा होता है।जब हर कोई इस महामारी से प्रभावित होकर बैचेन है..अपने भविष्य को लेकर चिंतित है..तो मेरे जैसे लाखों प्रतियोगियों के सामने भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।परिक्षा रद्द किया जा रहा है..नए रिक्त पदों पर विज्ञापन नहीं निकाला जा रहा है।देश के सभी राज्यों का शक्ति कोरोना से लड़ने में लगा दिया गया है।ऐसे हालात में भी हमें सकारात्मकता बरकरार रखने की जरूरत है..ये मान लिया जाए कि हम उस दौर से गुजर रहे हैं..जब किसी किसी राज्य में 2-3 सालों तक कोई नया नौकरी नहीं निकलता था…तब भी हमलोगों ने मेहनत करना नहीं छोड़ा, और सालों बाद जब परिक्षा हुआ, तो उनमें से अधिकांश लोगों ने सफलता प्राप्त किया।इस वक्त भी सभी प्रतियोगिओ को जीवन में सकारात्मकता बनाए रखना है।निरन्तर अपने लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में काम करते रहना है।दूसरों की उपलब्धियों से ईर्ष्या न करें, ईर्ष्या आपकी खुशी को खत्म कर देती है, और घृणा को जन्म देती है।अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, कि प्रतिदिन व्यायाम करें, अपने ईश्वर का ध्यान करें।अपने अंदर की इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास को जगाएं, जो आपके अन्दर ही मौजूद है।इससे आपके वास्तविक क्षमता का पता लगेगा।यह आपको आन्तरिक शक्ति प्रदान करेगा एवं तनाव मुक्त तैयारी में मददगार साबित होगा।