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किशनगंज में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत 500 से अधिक गर्भवती महिलाओं की हुई जांच, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष जोर

किशनगंज,21 जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, “हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ शिशु का अधिकार है” – इसी सिद्धांत को आधार बनाकर किशनगंज जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के अंतर्गत विशेष प्रसव पूर्व जांच शिविरों का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के तहत जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), अनुमंडलीय व जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की समुचित जांच और परामर्श की व्यवस्था की गई।

शिविरों में महिलाओं के वजन, रक्तचाप, ब्लड शुगर, एचआईवी, कोविड टीकाकरण सहित आयरन और कैल्शियम की गोलियों की आपूर्ति की गई। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि “आज जिले भर में 500 से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच की गई है। इनमें कई हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी के मामले चिह्नित कर विशेष निगरानी में रखा गया है।”

सुरक्षित मातृत्व के लिए समय पर जांच आवश्यक

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने कहा कि “प्रसव पूर्व नियमित चार जांचें किसी भी संभावित जटिलता की पहचान के लिए जरूरी हैं। यह मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में प्रभावी कदम है।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दे रही है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को ₹1400, शहरी महिलाओं को ₹1000 प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाती है। साथ ही नि:शुल्क 102 एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध है।

परिवार नियोजन पर भी विशेष जोर

महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने जानकारी दी कि प्रसव के तुरंत बाद पुनः गर्भधारण से महिलाओं की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे बचने के लिए शिविरों में कंडोम, माला-डी, कॉपर-टी, अंतरा इंजेक्शन जैसे अस्थायी व स्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी गई। एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं को व्यक्तिगत परामर्श देकर स्वेच्छा से सुरक्षित विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।

स्वास्थ्य सुविधा सबके लिए, भेदभाव रहित

सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने कहा कि “PMSMA का उद्देश्य है कि कोई भी महिला प्रसव पूर्व जांच से वंचित न रह जाए। हर महीने की 9 और 21 तारीख को आयोजित यह शिविर एक जन आंदोलन के रूप में अपनाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि यह अभियान मातृत्व सुरक्षा, शिशु स्वास्थ्य और जनसंख्या स्थिरीकरण जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक सशक्त पहल है।

जन-जागरूकता ही सफलता की कुंजी

स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि मातृत्व सुरक्षा केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर परिवार की जिम्मेदारी है। जब समाज जागरूक होगा, तभी हर महिला इस सुविधा से लाभान्वित होकर सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ शिशु के सपने को साकार कर सकेगी।

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