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किशनगंज : कालाजार नियंत्रण को लेकर सदर अस्पताल में जागरूकता बैठक, सामूहिक प्रयास की अपील

किशनगंज,10जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, कालाजार जैसी जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए किशनगंज सदर अस्पताल में मंगलवार को एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने की, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी व कर्मी मौजूद थे। बैठक का उद्देश्य कालाजार के बढ़ते प्रभाव को रोकने, आमजन में जागरूकता फैलाने और प्रभावी नियंत्रण उपायों पर चर्चा करना था।

कालाजार: एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती

कालाजार, जिसे वैज्ञानिक भाषा में लीशमैनियासिस कहा जाता है, मुख्यतः रेत मच्छरों के काटने से फैलता है और यह गरीब एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रचलित है। इसके प्रारंभिक लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, वजन में गिरावट और भूख न लगना शामिल हैं। यदि समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया, तो यह बीमारी जानलेवा रूप ले सकती है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रयास

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया, “कालाजार के प्रसार को रोकने के लिए व्यापक सामुदायिक जागरूकता आवश्यक है। जानकारी की कमी और लापरवाही इस रोग के प्रसार के प्रमुख कारण हैं।” उन्होंने बताया कि जिले में मच्छरदानी वितरण, कीटनाशक छिड़काव, और स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण जैसी कई पहल की जा रही हैं।

सदर अस्पताल की तैयारी

उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि सदर अस्पताल में कालाजार के मरीजों के इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध है। अस्पताल में जांच की व्यवस्था है और पुष्टि होने पर मरीज को मुफ्त दवा और आवश्यक उपचार मुहैया कराया जाता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की चिकित्सा टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है ताकि समय रहते रोग की पहचान हो सके।

सामूहिक प्रयास ही समाधान

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कहा, “कालाजार जैसी बीमारियों पर नियंत्रण केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं, इसके लिए समाज की भागीदारी भी जरूरी है। समय पर उपचार, जागरूकता और स्वास्थ्य निर्देशों का पालन कर ही हम इस रोग से मुक्ति पा सकते हैं।”

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि कालाजार से लड़ाई में हर नागरिक की भूमिका अहम है। सामूहिक प्रयासों से ही इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है और किशनगंज को कालाजार मुक्त बनाया जा सकता है। बैठक के अंत में लोगों से अपील की गई कि वे किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें और स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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