किशनगंज : काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना बदलाव की मिसाल, NQAS प्रमाणन की ओर बड़ा कदम
सड़क ने बदली तस्वीर, स्वास्थ्य सेवाएं पहुंची आमजन तक

किशनगंज,13मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अब स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता का प्रतीक बनता जा रहा है। वर्षों से उपेक्षित यह केंद्र अब राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाणन की अंतिम तैयारी में जुटा है। इस ऐतिहासिक परिवर्तन में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय नेतृत्व की संयुक्त भूमिका रही है।
हाल ही में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की टीम ने इस केंद्र का दौरा कर इसे एक “आदर्श केंद्र” की संज्ञा दी। टीम ने सेवा व्यवस्था, रिकॉर्ड प्रबंधन और कर्मचारियों की कार्यशैली की सराहना की। जिलाधिकारी विशाल राज ने इस प्रयास को “जनस्वास्थ्य सुधार की दिशा में मील का पत्थर” बताते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य है कि जिले का हर नागरिक गरिमापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सके।”
सड़क ने बदली तस्वीर, स्वास्थ्य सेवाएं पहुंची आमजन तक
पहले जहां केंद्र तक पहुंचना ग्रामीणों के लिए एक बड़ी चुनौती थी, वहीं अब स्थानीय मुखिया के प्रयास से बनी संपर्क सड़क ने इस मुश्किल को आसान कर दिया है। इस परिवर्तन से न केवल पहुँच आसान हुई, बल्कि ANC जांच, एनीमिया स्क्रीनिंग और नियमित चिकित्सा सेवाओं में भी गुणात्मक सुधार आया है।
स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और व्यवस्थाओं में क्रांतिकारी सुधार
बेहतर आधारभूत संरचना, दवाओं की नियमित उपलब्धता, एनसीडी स्क्रीनिंग और सात निर्धारित पैकेज सेवाओं की नियमितता ने काशीबाड़ी को एक नया स्वरूप दिया है। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रभारी DQAC सुमन सिन्हा लगातार केंद्र का सुपरविजन कर इसे NQAS मानकों के अनुरूप ढाल रहे हैं। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने समय-समय पर निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
जल्द आएगी केंद्र सरकार की निरीक्षण टीम, बढ़ेगा जिले का मान
जल्द ही राष्ट्रीय स्तर की निरीक्षण टीम केंद्र का दौरा करने वाली है। यदि यह प्रमाणन प्राप्त होता है, तो काशीबाड़ी किशनगंज जिले का पहला NQAS प्रमाणित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बन जाएगा। यह उपलब्धि न केवल जिले को एक नई पहचान देगी, बल्कि अन्य ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एक प्रेरणा भी बनेगी।
एक आदर्श की ओर बढ़ता कदम
काशीबाड़ी सेंटर अब सिर्फ एक स्वास्थ्य सेवा केंद्र नहीं, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में एक सकारात्मक परिवर्तन की मिसाल बन चुका है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब नीति, नीयत और नेतृत्व एक दिशा में काम करें, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।