कुर्मी/कुड़मी (महतो) समन्वय समिति झारखण्ड, बंगाल और उड़ीसा का दो दिवसीय सेमिनार के अंतिम दिन बैठक संपन्न हुआ।..

मनीष कुमार कमलिया/ जिसकी अध्यक्षता कुरमी/कुड़मी (महतो) समन्वय समिति के संयोजक श्री लालचंद महतो जी ने की तथा संचालन श्री रामेश्वर महतो जी ने किया। मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री श्री श्रवण कुमार जी उपस्थित रहे, झारखण्ड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में कुरमी/कुड़मी (महतो) की संख्या अधिक है तथा इनका रहन-सहन, परंपरा, चिंतन-मनन आदिवासी समाज से मिलता है। सन् 1950 से पहले यहाँ के कुरमी/कुड़मी (महतो) सरकारी रूप से आदिवासी समाज का हिस्सा थे, लेकिन बाद में राजनीति के तहत कुरमी/कुड़मी (महतो) समुदाय को आदिवासी की सूची से हटा दिया गया।
उक्त बातें मुख्य अतिथि के रूप में आए हुए बिहार सरकार के माननीय मंत्री श्री श्रवण कुमार जी ने कहा कि जद यू0 के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी जब ‘‘कुर्मा महोत्सव‘‘ में भाग लेने मुख्य अतिथि के तौर पर जमशेदपुर(झाखण्ड) आए थे, तभी उन्होनें केन्द्र की सरकार से मांग की थी कि झारखण्ड, उड़ीसा तथा पं0 बंगाल के कुर्मी/कुड़मी (महतो) समुदाय को आदिवासी (एस0टी0) का दर्जा दिया जाय। जनता दल (यूनाईटेड) की शुरू से यह मांग रही है और आगे हमलोग इस विषय को लेकर केन्द्र की सरकार से मांग करेंगे कि उपर्युक्त तीनों राज्यों के कुर्मी/कुड़मी(महतो) समुदाय को आदिवासी (एस0टी0) का दर्जा दिया जाय।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में झारखण्ड, उड़ीसा और प0 बंगाल के इस समुदाय के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। प्रमुख प्रतिनिधि के रूप में झारखण्ड राज्य से श्री लालचंद महतो, श्री रामेश्वर महतो, श्री साधु महतो, श्री मधुसूदन महतो, श्री नितायचन्द्र महतो उड़ीसा राज्य प्रतिनिधि के रूप में श्री हरीश महतो, श्री शशिभूषण महतो प0 बंगाल प्रतिनिधि के रूप में श्री सुनील कुमार महतो, श्री निवारण चन्द्र महतो, श्री फटिक चन्द्र महतो एवं पटना से चलकर आए श्री त्रिनयन कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष, जद यू0, बिहार, श्री सुमित कुमार सिंह, प्रदेश सचिव, जद यू0 बिहार, श्री नरेन्द्र पटेल, प्रदेश सचिव, जद यू0, बिहार एवं श्री उपेन्द्र नाथ सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे।