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किशनगंज : सदर अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों ने ली मरीजों की सुरक्षा की शपथ

रोगियों की सुरक्षा करना स्वास्थ्य कर्मियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी: सिविल सर्जन

  • लोगों को मरीजों के प्रति देखभाल और सुरक्षा के लिए प्रेरित करना है-इस वर्ष की थीम

किशनगंज, 16 सितंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, रोगी सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने कहा कि इस बार जिले में 11-17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। रोगी सुरक्षा एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है और स्वास्थ्य देखभाल का एक मूलभूत सिद्धांत है। रोगी सुरक्षा स्वास्थ्य देखभाल की प्रक्रिया के कारण रोगियों को होने वाले नुकसान को रोकने के महत्व पर प्रकाश डालता है। रोगी सुरक्षा में सुधार का अर्थ है रोगी को होने वाले नुकसान को कम करना। विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के लिए डब्ल्यूएचओ ने सुरक्षित एवं सम्मानजनक शिशु जन्म पर कार्य का चयन किया है। इस आलोक में उन्होंने इस वर्ष की  थीम “लोगों को मरीजों के प्रति देखभाल और सेफ्टी के लिए  प्रेरित करना है”, रखा है। इसी क्रम में जिले के सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में अस्पताल के  स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीजों की सुरक्षा की शपथ ली। उक्त कार्यक्रम में एनक्यूएस डा० विद्या, स्वास्थ्य प्रबंधक जुल्ले अशरफ, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा० अनवर आलम, पीरामल स्वास्थ्य के अश्वनी पटेल एवं जिला की एएनएम, जीएनएम आदि उपस्थित हुई। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने कहा 17 सितंबर, 2019 को संपूर्ण विश्व में पहला ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ मनाया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य किसी भी स्वास्थ्यकर्मी की सबसे पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी रोगियों की सुरक्षा होती है। रोगियों की सुरक्षा के लिए सभी चिकित्सकों के साथ ही अन्य कर्मियों को भी स्वास्थ्य सेवाओं को अनुशासित और सुरक्षित बनाने की जरूरत है। सभी कर्मी समाज के प्रति जवाबदेह हैं। अभी विशेष रूप से रोगियों की सुरक्षा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। लिहाजा ऐसे समय में स्वास्थ्य सेवाओं को कुशल और सुरक्षित करने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मिलकर योगदान देना चाहिए। रोगियों की जांच के साथ ही उन्हें उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करें जिससे वे स्वयं का बेहतर ध्यान रख सकें। एनक्यूएस डा० विद्या ने बताया कि 11 से 17 सितंबर तक “रोगी सुरक्षा सप्ताह” मनाया जा रहा है। “रोगी सुरक्षा सप्ताह” के आयोजन के दौरान “मेडिकेशन सेफ्टी” को ध्यान में रखते हुए पोस्टर प्रतितोगिता का भी आयोजन किया जायेगा। मरीजों को लिखी एवं दी जाने वाली दवा की सही पहचान पर स्वास्थ्यकर्मियों का उन्मुखीकरण, जीवनरक्षक दवाओं की पहचान, उनकी लिस्टिंग एवं उपलब्धता की पूरी जानकारी, चिकित्सकों द्वारा लिखी गयी दवा पर्ची का औचक अवलोकन, नियमित चिकित्सा प्रणाली में सुधार पर क्रियान्वयन, मरीजों को मेडीकेशन सुरक्षा एप “5 मोमेंट्स ऑफ़ मेडिकेशन सेफ्टी” के बारे में जागरूक करना एवं 17 सितंबर को “विश्व रोगी सुरक्षा दिवस” का आयोजन किया जायेगा। सिविल सर्जन ने बताया कि  यदि आप एलर्जी से पीड़ित हैं तथा आप अपनी सही और पर्याप्त जानकारी अस्पताल के कर्मचारी को देते हैं, तो वह आपकी उचित सहायता कर सकता है। यदि आपको किसी भी बात पर संदेह है या यदि आप निदान से संबंधित जानकारी से संतुष्ट नहीं हैं, तो उससे संबंधित सवाल अवश्य पूछें। आपके लिए प्रस्तावित होने वाली किसी भी चिकित्सीय प्रक्रिया के पक्ष एवं विपक्ष के बारे में चिकित्सक से अवश्य पूछें। यदि दवा के माध्यम से दुष्प्रभाव पैदा हो सकता है तो इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।

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