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डॉक्टर की पिटाई और गिरफ्तारी के विरोध में हेल्थ एसोसिएशन की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं ठप

पटना/आरा. बिहार के भोजपुर जिले में मंगलवार शाम डीएम आवास में डॉक्टर टीए अंसारी की पिटाई के विरोध में बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन ने स्वास्थ्य सेवा ठप करने का ऐलान कर दिया है। बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में बुधवार को ओपोडी नहीं खुली।

डीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग
डॉक्टरों की मांग है कि 24 घंटे के अंदर आरा डीएम के खिलाफ कार्रवाई हो और उनकी मानसिक स्थिति की जांच की जाए। इसके अलावा आरा के सभी स्वास्थ्य समिति से डीएम को मुक्त किया जाए और सिविल सर्जन को अध्यक्ष बनाया जाए।

इमरजेंसी सेवा ठप करने का अल्टीमेटम
डॉक्टरों ने बुधवार रात 12 बजे तक मांगें पूरी नहीं होने पर बिहार में इमरजेंसी सेवा भी ठप करने का अल्टीमेटम दिया है। डॉक्टरों के हड़ताल के चलते अस्पतालों में लोगों की भारी भीड़ है और मरीज प्राइवट अस्पताल में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। भासा महासचिव डॉक्टर रंजीत कुमार ने कहा कि अगर इस तरह का माहौल रहेगा तो डॉक्टर मरीज का कैसे इलाज करेंगे।

क्या है पूरा मामला?
मंगलवार को आरा में सदर अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉक्टर टी.ए अंसारी ने मरीज देखने का हवाला देकर डीएम के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जाने से इनकार कर दिया। इससे डीएम संजीव कुमार नाराज हो गए और गार्ड को अस्पताल भेजकर डॉक्टर को आवास पर बुलवाया।

डीएम के गार्ड जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर से नोकझोंक हो गई। इसके बाद गार्ड डॉ. टीए अंसारी को जबरन डीएम आवास लेकर गए। डॉ. अंसारी के साथ डॉ. नरेश प्रसाद और डॉ. अरुण कुमार भी डीएम आवास पर पहुंचे तो गार्डों ने मिलकर उनकी पिटाई कर दी।

इस बात से नाराज डॉक्टरों की टीम ने पहले ओपीडी सेवा और फिर इमरजेंसी सेवा को ठप कर दिया। स्वास्थ्य सेवा ठप होने से इलाज के अभाव में एक महिला और एक नवजात की भी मौत हो गई। नाराज डॉक्टरों ने दोषी गार्ड पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए अस्पताल में सेवा देने से इनकार कर दिया।

चेंबर से बाहर निकले डीएम संजीव कुमार ने मामले को जानकर डॉक्टरों से बातचीत की। दोनों तरफ से काफी देर तक बातचीत हुई। इसके बाद डीएम के आवास से तीनों डॉक्टरों को वापस जाने दिया गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर विजय कुमार ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों के साथ आपात बैठक की जिसमें निर्णय लिया कि जब तक दोषी को सजा नहीं मिलेगी, तब तक डॉक्टर काम पर वापस नहीं लौटेंगे।

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