जबसे नोटबंदी का फैसला लिया गया है तब से बहुत सी जगह से पुराने नोट रद्दी की तरह पाए जाने की खबरें सामने आयीं ।कभी किसी कार में पुराने 1000 के नोटों की गड्डियाँ मिलीं तो कभी कंस्ट्रक्शन साईट से,आज नोटबंदी को पूरा एक महिना हो गया है और इस एक महीने में पुलिस ने बहुत जगह छापे भी मारे। और इस सबकी वजह से बहुत से लोग पकडे भी गए ।अब पुराने नोट जहाँ-तहाँ से मिल रहे थे, इनके बारे में सबको पता था कि ये असल में कौन सा पैसा है ।पर अब तो नए नोट भी मिलने लगे हैं, वो भी कोई छोटा-मोटा अमाउंट नहीं बल्कि भारी-भरकम अमाउंट,जी हाँ । कुछ वक्त पहले भी खबर आई थी जब एक कमरे में नए नोटों का एक बड़ा अमाउंट पाया गया ।इतना सारा पैसा था कि गड्डियाँ लगी हुईं थी ।आपको बताते चले की कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर 27 लाख रुपये के नए नोट के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है ।पकड़े गए आरोपी की पहचान अजीत पाल सिंह और राजेन्द्र सिंह के रूप में हुई,पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों शख्स मुंबई से पुराने नोटों के बदले नए नोट लेकर दिल्ली आ रहे थे,तभी उन्हें हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया ।गिरफ्तारी के बाद क्राइम ब्रांच ने मामले की जानकारी आयकर विभाग को भी दी,जिसके बाद आयकर विभाग के अधिकारी और क्राइम ब्रांच की टीम मिलकर आरोपियों से पूछताछ भी की थी ।कुछ नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के पास से भी राशि पाए जाने कि खबरें सुनी और अब तो सिद्धू के पास से छापे के बाद मिला नए नोटों का बड़ा अमाउंट ।
जी हाँ ! प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देश के कई नेताओं और उद्योगपतियों के घरों में छापेमारी की है ।इनके यहाँ से अबतक करोड़ों रूपये के नए नोटों की बरामदी हो चुकी है ।बड़ी खबर तब आई जब ‘सिद्धू’ के घर से 1.5 करोड़ रूपये के नए नोट जब्त किये गए ।आपको शायद लग रहा हो कि ये शख्स नवजोत सिंह सिद्धू है,पर नहीं ऐसा नहीं है।ये खबर है एक और छापे से जुडी जब गोवा में बुधवार को 2,000 रुपये के नोटों की 70 लाख रुपये की राशि के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया।24 घंटों के दौरान 1.5 करोड़ रुपये के नए नोट जब्त किए गए हैं ।
नोट बनने की प्रक्रिया काफी मजेदार है और रुपया शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम शेर शाह सूरी ने भारत मे अपने शासन (1540-1545) के दौरान किया था।भारत में सबसे पहला वाटर मार्क वाला नोट 1861 में छपा था । वर्तमान में भारत समेत 8 देशों की मुद्राओं को रुपया कहा जाता है ।भारत में नोटों को छापने का काम भारतीय रिज़र्व बैंक और सिक्कों को ढालने का काम भारत सरकार करती है ।हिंदी और अंग्रेजी के अलावा भारतीय नोट में 15 भाषाओं का इस्तेमाल होता है। इस लेख में हम भारतीय रुपये की जिंदगी से से जुडी पूरी यात्रा का वर्णन कर रहे हैं ।कागज तैयार करने के लिए दुनिया में चार फर्म हैं। फ्रांस के अर्जो विगिज। अमेरिका के पोर्टल। स्वीडन के गेन। पेपर फैब्रिक्स ल्यूसेंटल। यही 4 जगह हैं जहां से करेंसी के लिए पेपर आता है ।अगला सवाल ये है कि इन नोट पर कौनसी इंक इस्तेमाल होती है ।देश में चार बैंक नोट प्रेस हैं….
1.पहली है देवास की नोट प्रेस जहाँ एक साल में 265 करोड़ नोट छपते हैं। इस प्रेस में 20, 50, 100, 500 रुपए के नोट छपते हैं |
2.करेंसी प्रेस नोट नाशिक: इस प्रेस में सन 1991 से 1, 2, 5 10, 50 100 के नोट छापे जाते हैं | पहले यहाँ पर 50 और 100 रुपये के नोट नहीं छापे जाते थे |
3.मध्यप्रदेश के ही होशंगाबाद में सिक्यॉरिटी पेपर मिल है।नोट छपाई पेपर होशंगाबाद और विदेश से आते हैं।1000 के नोट मैसूर में छपते हैं।
4.मैसूर इस प्रेस में अब तक 1000 के नोट छपते थे लेकिन अब 1000 के नोट बैन हो चुके हैं जिसके बाद ये अभी पता नहीं वहां क्या किया जा रहा है । बताया जा रहा की अब यहाँ 2000 के नोट छपते हैं ।बता दें सिक्के भी भारत में 4 जगह पर बनते हैं, देखिए कौनसी हैं वो 4 जगह…!सिक्कों पर निशान से ये पता लगता है कि कौनसा सिक्का कहां बना है और जानिए क्यों एक फिक्स मात्रा में ही क्यों नोट छापे जाते हैं,नोट और सिक्कों से जुड़े कई सवाल आपके मन में होंगे, आज हम यहाँ पर उन सभी सवालों का जवाब आपको देने वाले हैं,विदेश या होशंगाबाद से आई पेपर शीट एक खास मशीन सायमंटन में डाली जाती है।फिर एक अन्य मशीन जिसे इंटाब्यू कहते हैं उससे कलर किया जाता है।यानी कि शीट पर नोट छप जाते हैं।इसके बाद अच्छे और खराब नोट की छटनी हो जाती है।एक शीट में करीब 32 से 48 नोट होते हैं।खराब को निकालकर अलग करते हैं।जब कोई नोट बेकार हो जाता है तो आप उसे बैंक जाकर बदल सकते हैं या फिर सरकार इन नोट को जला देती थी,लेकिन अब सरकार ने पर्यावरण को बचाने के लिए एक 9 करोड़ की मशीन लगाई है जो पुराने नोट के छोटे छोटे टुकड़े करके उनकी ईट बनाती है ।यह ईट कई तरह के कामों में प्रयोग की जाती है साल में कितने नोट छपेंगे ये साल के पहले ही अनुमान लगाया जाता है,जिसके बाद उन्हें 4 प्रेस में डिवाइड किया जाता है,सीरियल नंबर की के आगे जोड़े जाने वाले अंग्रेजी शब्द का कोई फिक्स तरीका नहीं है ।सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से जहां आम जनता इसका समर्थन कर रही है,वही भाजपा समर्थक फूले नहीं समा रहे हैं। हर तरफ इसकी वाहवाही और गुणगान करते फिर रहे हैं। भ्रष्ट लोगों के पास से कालाधन निकलवाने की बात कर रहे हैं और खुद को पाक-साफ बता रहे हैं।विपक्ष के विरोध को कालाधन रखने की बौखलाहट बता रहे हैं।ऐसे में भाजपा के एक नेता बड़ी खामोशीसे लाखों रुपये बैंक से निकालकर बचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उनका कालाधन आ गया सबके सामने।हुआ कुछ यूं कि तमिलनाडु के सेलम जिले में भाजपा युवा मोर्चा के मण्डल महासचिव बैंक से रुपये बदलने के बाद गाड़ी से लौट रहे थे कि तभी जिला पुलिस ने 20.55 लाख रुपये के नए और पुराने नोटों के साथ धर दबोचा।गिरफ्तार भाजपा युवा मोर्चा नेता का नाम जेवीआर अरुण है।इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक जेवीआर अरुण के पास से 2000 रुपये के 926नोट,1000 रुपये के 50 नोट और 100 रुपये के 1530 नोट बरामद हुए हैं।पुलिस के अनुसार इन रुपयों को लेकर अरुण को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था ताकि वे अपने बैंक से जुड़े कागजात आदि प्रस्तुत कर सकें लेकिन वह इन रुपयों की जानकारी देने में असफल रहे।जिसके बाद पैसों को जब्त कर सरकारी खजाने में जमा कर दिया गया।साथ ही इस मामले से संबंधित बैंक अधिकारी की जांच आईटी डिपार्टमेंट कर रही है।जिसने नोटबंदी के दौरान 2000 रुपये के इतने नोट अरुण को मुहैया कराए।तमिलनाडु भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुंदराजन ने कहा कि यह मामला सामने आने के बाद पार्टी ने अरुण को सभी पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि ये वही नेता हैें,जब पीएम मोदी ने नोटबंदी का फैसला किया था तब इन्होंने अपने फेसबुक वाॅल पर सरकार के निर्णय का जमकर स्वागत किया था।अरुण ने पोस्ट में लिखा था कि”देश की भलाई के लिए,मैं लाइन में खड़े होने के लिए तैयार हूं। मोदी और सिर्फ मोदी ही ऐसा फैसला ले सकते हैं।चंद्रबाबू नायडू ने प्रस्ताव दिया था,जिसे मोदी ने अब लागू कर दिया।बतादें सिक्के भी भारत में 4 जगह पर बनते हैं,देखिए कौनसी हैं वो 4 जगह…! सिक्कों पर निशान से ये पता लगता है कि कौनसा सिक्का कहां बना है और जानिए क्यों एक फिक्स मात्रा में ही क्यों नोट छापे जाते हैं ।नोट और सिक्कों से जुड़े कई सवाल आपके मन में होंगे,आज हम यहाँ पर उन सभी सवालों का जवाब आपको देने वाले हैं,विदेश या होशंगाबाद से आई पेपर शीट एक खास मशीन सायमंटन में डाली जाती है। फिर एक अन्य मशीन जिसे इंटाब्यू कहते हैं उससे कलर किया जाता है। यानी कि शीट पर नोट छप जाते हैं। इसके बाद अच्छे और खराब नोट की छटनी हो जाती है।एक शीट में करीब 32 से 48 नोट होते हैं।खराब को निकालकर अलग करते हैं।