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कल्याण बीघा वाले सोनू पर क्या है पत्रकार सागर कुमार की राय ?

सोनू को अलग संस्थान में एडमिशन क्यों ?

हाल ही में एक बच्चा सोशल मीडिया पर और तमाम न्यूज़ चैनलों पर बहुत ही ज्यादा वायरल हो रहा है।

हां बिल्कुल मैं बात कर रहा हूं उसी बच्चे के बारे में जो नीतीश कुमार के गृह जिले से है और उनके घर के लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर उसका घर है और कुछ ही दिन पहले उसने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से मिलकर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ना होने और बिहार में शराबबंदी कड़ाई से लागू ना होने की बात कही थी।

अब जब जब बच्चा वायरल हो रहा है और इसकी बातें चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं तब जिले के अधिकारी और नेता उस बच्चे को स्पेशल ट्रीट देने में लगे हुए हैं। और सभी नेता बॉलीवुड और बड़े-बड़े लोग उस बच्चे को गोद लेकर से पढ़ाना चाहते हैं मैं उन सभी लोगों से एक प्रश्न पूछना चाहता हूं कि

 

सोनू को अलग संस्थान में एडमिशन क्यों?

 

सोनू को ही गोद लेने की बात क्यों ?

 

सोनू को ही जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे संस्थान में एडमिशन कराने की बात क्यों ?

 

सिस्टम सोनू के अनुरूप क्यों नहीं ताकि सोनू जैसे लाखो बच्चो का कल्याण हो सके माननीय मुख्यमंत्री मंत्रीगण और पदाधिकारी में इतनी क्षमता नहीं है की सरकारी विद्यालय का सिस्टम में सुधार कर वहा योग्य शिक्षक दिया जाय और सिस्टम में सुधार किया जाय हम तो यही कहेंगे की डिग्री के आधार पर टीचर की नियुक्ति नहीं किया जाय बल्कि अच्छे कौशल योग्य टीचर जो 1 से 10 तक पढ़ाने की कौशलता रखते है इंट्रेस एग्जाम के माध्यम से भर्ती किया जाय और बाद में जो ट्रेनिंग देना है दे ज्यादा तर पैसे वाले लोग डिग्री लेके बैठे है चुकी पैसे वाले लोग ही b.ed. और ऐसे कई डिग्री लेकर बैठे इनलाेग से हम शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। इसके लिए सरकार को जनता के मंतव्य को जानना होगा कैसे हम शिक्षा अच्छे से अच्छे तरीके अपनाकर सोनू जैसे लाखो लोगो का कल्याण कर सके ।

नालंदा का इतिहास बहुत पुराना रहा है आज सोनू के वजह से चर्चा में आया है तो क्यों न इसमें मूल चूल परिवर्तन भी किया जाय हमारी सरकार से सरकारी स्कूल में पढ़ रहे गरीब बच्चो के लिए सिर्फ निम्नलिखित मांग है ताकि सोनू जैसे लाखो बच्चे अपने सपने साकार कर सके और जिला राज्य और देश के विकास में अहम योगदान दे सके हमारी सरकार से एक मांग है जब सही शिक्षक होगे तभी स्कूल मे अच्छी पढ़ाई होगी तभी कल्याण होगा ! हमारी सरकार से मांगे इस प्रकार है :-

1. शिक्षक बहाली सिर्फ डिग्री के आधार पर न हो बल्कि नॉलेज के आधार पर ग्रेजुएट किए सभी टीचर बनने की योग्यता रखते हैं इन्हें एंट्रेंस एग्जाम के जरिए चयनित किया जाय उसके बाद चयनित अभ्यर्थी को टीचर ट्रेनिंग दिया जाय

2. शिक्षा के मंदिर यानी स्कूल और कॉलेज को किसी सरकारी काम में न लाया जाय जैसे पंचायत चुनाव निकाय चुनाव एवम शिक्षक को भी किसी अन्य काम में न लगाए ताकि स्कूल बाधित न हो तभी हम टीचर और शिक्षक का मूल्यांकन कर सकते है

3. वर्तमान में जो कार्यरत है शिक्षक है उनकी योग्यता को परखा जाय अगर वो पढ़ाने लाइक है तो उन्हें सरकार विशेष ट्रेनिंग या नॉलेज देकर उसे योग्य शिक्षक बनाए आज शिक्षक सिर्फ फर्मिलिटी के लिए स्कूल जाना और पेमेंट उठाना यही रह गया है आज भी समाज मे कुछ शिक्षक है जो ईमानदारी से अपना काम करते हैं और लोग उनका भी सम्मान करते है शिक्षक बहाली और एग्जाम पूरी पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए

3. वर्तमान शिक्षा में सुधार करना सरकार के वश की बात नहीं है लेकिन नामुमकिन भी नही है उसके सोनू जैसे लोगो की जरूरत हो सकती हैं

4. शिक्षा व्यवस्था को करप्शन मुक्त करने का सरकार को प्रयास करना चाहिए क्योंकि इंटरनेशनल लेवल पर हमारी सरकार बेइजत करना काफी है निःसंदेह इस व्यवस्था को बदलने के लिय सरकार को तत्पर रहना चाहिए क्योंकि शिक्षा ही एक माध्यम है जो दशा दिशा और देश बदल सकता है

 

5) किसी भी हाल में सरकार के हर अधिकारी कर्मचारी और नेता मंत्री विधायक सभी का बच्चा सरकारी स्कूल में ही पढ़ना चाहिए।

 

6) बिहार के तमाम अधिकारियों की जिम्मेवारी तय समय सीमा के साथ निर्धारित होनी चाहिए।

 

अगर बिहार में शिक्षा व्यवस्था बदलने के लिए पहले स्वयं में सुधार करते हुए सिस्टम में बदलाव के साथ अनेकों बदलाव करने होगें ताकि सोनू जैसे लाखो बच्चे अपने शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे और उनके सपने साकार हो सके .

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