किशनगंज में महिला संवाद कार्यक्रम बना ग्रामीण विकास की मजबूत नींव
अब तक 22,311 आकांक्षाएं दर्ज, डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं की भागीदारी

किशनगंज,29मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में 18 अप्रैल से शुरू हुए “महिला संवाद कार्यक्रम” ने अब तक 22,311 महिलाओं की आकांक्षाएं दर्ज कर विकास की नई कहानी लिखनी शुरू कर दी है। यह संवाद कार्यक्रम महिला संवाद मोबाइल एप के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जिसमें महिलाएं अपनी जरूरतें, समस्याएं और सुझाव साझा कर रही हैं। कार्यक्रम में दर्ज आकांक्षाएं संबंधित विभागों और जिला प्रशासन को भेजी जा रही हैं ताकि उन पर कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं की सहभागिता
अब तक यह कार्यक्रम 830 ग्राम संगठनों में आयोजित किया जा चुका है, जिसमें 1.5 लाख से अधिक महिलाओं ने भागीदारी की है। कुल मिलाकर जिले के 1,262 ग्राम संगठनों में चरणबद्ध रूप से इस संवाद कार्यक्रम का आयोजन होना है। सभी सात प्रखंडों में, सुबह और शाम दोनों पालियों में यह कार्यक्रम लगातार चलाया जा रहा है।
गुरुवार को 20 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां बड़ी संख्या में महिलाओं ने न केवल हिस्सा लिया, बल्कि अपने अनुभव भी साझा किए।
आत्मनिर्भरता की ओर महिलाएं
बहादुरगंज प्रखंड की झिलझिली पंचायत की निखत परवीन ने बताया कि वे “माही जीविका स्वयं सहायता समूह” से जुड़ी हैं। समूह से 1% ब्याज दर पर ऋण लेकर उन्होंने खेती और पशुपालन में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें स्वरोजगार के लिए महाजनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, बल्कि दूध और फसल की बिक्री से अच्छी आमदनी हो रही है।
योजनाओं की जानकारी से सशक्त हो रही महिलाएं
कार्यक्रम में जागरूकता वाहन, वीडियो फिल्म, और लीफलेट वितरण के माध्यम से महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इससे महिलाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार, पोषण और महिला सुरक्षा जैसी योजनाओं से जुड़कर स्वयं को और अपने परिवार को सशक्त बना रही हैं।
संवाद बन रहा है बदलाव का जरिया
महिला संवाद कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि महिलाओं के विचार, सुझाव और आकांक्षाओं को नीति निर्धारण से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन रहा है। यह कार्यक्रम टोला और गाँव स्तर पर सामाजिक परिवर्तन की नींव रख रहा है। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और आत्मविश्वास इस कार्यक्रम को विकासोन्मुख और प्रभावी बना रहा है।
किशनगंज जिला प्रशासन की यह पहल निश्चित रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास को नई दिशा देने में मील का पत्थर साबित हो रही है।