सत्ता के लालच में झूठे वादों की बारिश कर रही है कांग्रेस – श्रवण कुमार
अनर्गल और निराधार बातें करना राजद की राजनीतिक प्रवृत्ति - जयंत राज

मनीष कुमार कमलिया/मोबाइल फोन और सोशल मीडिया का विवेकपूर्ण उपयोग समय की आवश्यकता – सुनील कुमार
बिहार जद (यू0) के प्रदेश कार्यालय, पटना में बुधवार को आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में बिहार सरकार के माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, माननीय भवन निर्माण मंत्री श्री जयंत राज एवं माननीय शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार ने प्रदेश भर से पहुंचे आम नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके शीघ्र समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कार्यक्रम में विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के उपनेता सह पार्टी कोषाध्यक्ष श्री ललन कुमार सर्राफ एवं प्रकोष्ठों के संयोजक प्रो. नवीन आर्य चंद्रवंशी भी उपस्थित रहे।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए माननीय मंत्री श्री श्रवण कुमार ने कहा कि जिस पार्टी ने दशकों तक बिहार और देश की महिलाओं की कोई सुध नहीं ली, वह अब जब चुनाव नजदीक आ गए हैं, तो सत्ता के लालच में झूठे वादों की बारिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की महिलाएं अब जागरूक और विवेकशील हैं, और वे स्पष्ट रूप से जानती हैं कि कौन उनके भविष्य की चिंता करता है और कौन केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहा है। श्री कुमार ने यह भी कहा कि जो लोग कभी नौकरी के बदले गरीबों की जमीन और मकान लिखवाते रहे, वे कभी जनता के हितैषी नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि जब भी महिला सशक्तिकरण की बात होगी, तो उसमें सबसे पहला नाम माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का ही होगा, जिन्होंने बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को लेकर ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कार्य किए हैं।
माननीय मंत्री श्री जयंत राज ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ‘2025 में 225 और फिर से नीतीश’ के लक्ष्य को लेकर पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अनर्गल और निराधार बयान देना राजद की पुरानी राजनीतिक प्रवृत्ति रही है, जिसे जनता अब अच्छी तरह पहचान चुकी है। यही कारण है कि चुनाव दर चुनाव जनता ने उन्हें नकारा है और अब उनकी स्थिति राजनीतिक रसातल की ओर जाती प्रतीत हो रही है।
माननीय मंत्री श्री सुनील कुमार ने कहा कि नीतीश सरकार बच्चों के सर्वांगीण विकास को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री बालक एवं बालिका पोशाक योजना (कक्षा 1 से 8) के अंतर्गत 145 करोड़ रुपये से अधिक और मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना (कक्षा 9 से 12) के लिए 169 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बालिका (इंटरमीडिएट) प्रोत्साहन योजना के लिए 300 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री बालक/बालिका साइकिल योजना के तहत 50 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के लिए 25 करोड़ रुपये की राशि भी शीघ्र ही जारी कर दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ आज के डिजिटल युग में सुरक्षित और अनुशासित आॅनलाइन व्यवहार को बढ़ावा देना भी समय की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से शिक्षा विभाग द्वारा एक विशेष पेम्फलेट जारी किया गया है, जिसमें छात्रों को मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के विवेकपूर्ण उपयोग से जुड़ी सावधानियों और लाभ-हानियों की विस्तृत जानकारी दी गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अनुकम्पा आधारित नियुक्तियों से संबंधित नियमावली तैयार हो चुकी है और शीघ्र ही इसके अंतर्गत नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इसके अतिरिक्त, दिव्यांग बच्चों की विशेष शैक्षणिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा सात हज़ार स्पेशल शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।