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जीकेसी के सौजन्य से टॉक शो ‘फैशन एंड लाइफ स्टाइल’ आयोजित

जीवन में नकारात्मकता से दूर रहने और मानसिक स्वास्थ का ख्याल रखने की जरूरत : शिल्पी बहादुर

जितेन्द्र कुमार सिन्हा-जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से टॉक शो ‘फैशन एंड लाइफ स्टाइल’ का आयोजन किया गया, जिसमें फैशन एंड मॉडलिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने जिंदगी में आगे बढ़ने के साथ ही ग्लैमर की दुनिया में भी आगे बढ़ने के टिप्स दिये।

कार्यक्रम में जीकेसी कला- संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव और मॉडल-अभिनेत्री शिल्पी बहादुर ने मॉडेरटर की भूमिका निभायी, जबकि वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेम कुमार ने कार्यक्रम का सह संचालन किया।

उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मिसेज एशिया यूनीवर्स 2020 ऋचा कुमारी मौजूद थी।

कार्यक्रम में ऋचा कुमारी, शिल्पी बहादुर, अभिनेता तन्मय सिन्हा, मिस इंडिया पैशोनेट पैसेफिक आकांक्षा श्रीवास्तव,शबनम वर्मा, ऋचा श्रीवास्तव, मिसेज बिहार फर्स्ट रनरअप ज्योति दास और मॉडल तनुश्री सिन्हा ने लाइफ एंड स्टाइल के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम संचालन में डिजिटल- तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा, ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्तव और उत्कर्ष आनंद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

उक्त अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यदि जीवन में आगे बढ़ना है तो अपनी नकारात्मक सोच को बदल देना चाहिए। जब सोच सकारात्मक होगी तभी कामयाबी मिलेगी। अपने जीवन में कभी भी बीती बातों के बारे में नही सोचना चाहिए, और न ही आने वाले कल के बारे में सोच कर परेशान होना चाहिए, जो आज है बस उसी पल में खुश रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जीवन में सुख और दुख का चक्र चलता रहता है, इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। सकारात्मक सोच से जीवन में आगे बढ़ना है, क्योंकि दुख तो एक दिन जायेगा ही।

ऋचा कुमारी ने कहा कि जीवन में कई बार परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है। कोई भी और कैसी भी परीक्षा हो, यदि सकारात्मक सोच रखी जाए तो सफलता जरूर हासिल होती है। यदि जीवन के कठिन समय में भी सकारात्मकता को साथ लेकर चलें तो हार नहीं होती है। सफलता का रास्ता ही सकारात्मकता से होकर गुजरती है। जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए ऐसे लोगों के साथ समय व्यतीत करना चाहिए जो सकारात्मक सोच रखते हों।

मॉडल और अभिनेत्री शिल्पी बहादुर ने कहा कि आत्मविश्वास से भरा चेहरा सबसे खूबसूरत होता है। महिलाओं के साथ-साथ पुरुषो को भी अपनी वेशभूषा का खयाल रखना चाहिए। व्यायाम करने से कार्यक्षमता बढ़ती है, लोग फिट और प्रेजेंटेबल रहते हैं। जिंदगी में हमेशा “जीत और हार”, हमारी सोच बताती है ! जो मान लेता है उसकी हार होती है और जो ठान लेता है उसकी जीत होती है।

प्रेम कुमार ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेंशा लक्ष्य की जरूरत होती है। बिना लक्ष्य के किसी भी दिशा में आगे बढ़ना मुश्किल है। यदि हमारे कदम सही दिशा में आगे बढ़ते हैं तो हमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है।

उक्त अवसर पर तन्मय सिन्हा ने कहा कि फैशन स्टाइल को लेकर बॉलीवुड से लेकर टीवी के स्टार्स तक सभी सुर्खियों में बने रहते हैं। इन स्टार्स के स्टाइल को आम लोग भी फॉलो करना पसंद करते हैं। जिंदगी की रेस में आगे आने के लिये खुद से लड़ना होता है और अपने अंदर के डर को खत्म करना होता है। उन्होंने कहा कि सबको समय के साथ चलना जरूरी है नहीं तो हम पीछे रह जाएंगे और समय आगे निकल जाएगा।

शबनम वर्मा ने फैशन के सम्बंध में अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि अच्छे कपड़े पहन लेने से कोई भी इंसान स्टाइलिस्ट दिख सकता है लेकिन जिसकी शख्सियत में स्टाइल है वही रोल मॉडल बन सकता है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण पर अपनी बात रखते हुये कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि महिलाओं का कोई घर नहीं होता लेकिन मेरा मानना है कि महिला के बिना घर, घर नहीं होता।

ज्योति दास ने कहा कि महिला यदि खुद की कॉन्फिडेंट रहे और खुद को खुश रखें तभी वह बच्चे को परिवार को समाज को भी खुश रख सकती है।

रिचा श्रीवास्तव ने कहा कि फैशन और लाइफस्टाइल दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। आज के दौर में जितनी अहमियत फैशन की है उतनी ही लाइफ स्टाइल की भी जरूरत है।

आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि आज के समय में भी यह माना जाता है कि मॉडलिंग या अभिनय की दुनिया लड़कियों के लिये सही नहीं है। हमारे समाज के लोगों को लगता है कि लड़किया सिर्फ घर के कामों के लिये बनी हुयी है और उनकी शादी कर देनी चाहिये। उन्होंने कहा कि यदि कोई लड़की या महिला आगे बढ़ना चाहती है तो उसका पूरा परिवार और समाज उसका विरोध करता है। लड़की हो या महिला हर क्षेत्र में अपने देश और समाज का नाम रौशन कर सकती है और कर रही है।

तनुश्री सिन्हा ने कहा कि हर समय प्रेजेंटेबल रहने के लिए ओरिजनल रहे, कॉन्फिडेंट रहे, खुद का खयाल रखें, व्यायाम करें, स्वस्थ रहें, समय और मौके के हिसाब से कपड़े पहने। उन्होंने कहा कि अपना समय और ऊर्जा खुद को बेहतर बनाने में खर्च करे न की दूसरो को कमतर समझने में। नकारात्मकता से दूर रहें और साथ ही अपने मानसिक स्वास्थ का ख्याल रखें।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन आनंद कुमार सिन्हा ने किया और कहा कि कोरोना के चलते जब हम सब घर की सीमा में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं, उस समय फैशन-मॉडलिंग इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों की यह परिचर्चा हमारा उत्साह वर्धन करेगी। जिंदगी जीने का नजरिया बेहतर होगा और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

कार्यक्रम के दौरान कला- संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल, वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव और कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती श्वेता सुमन ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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