कृषि कानूनों से किसानों को भारी फायदा

रंजीत कुमार सिन्हाबिहार सरकार ने किसानों के लिए नए कृषि कानून के तहत जितनी सुविधाएं देनी शुरू की हैं, उनके लिए पहल करना भी शुरू कर दिया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
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वास्तव में यदि देखा जाए तो ये नए कृषि कानूनों से सभी किसानों को काफी फायदा हुआ है। पहला फायदा तो यह हुआ है कि उनका एम 0 एस 0 पी 0 0 पूर्ण पूर्ण सुरक्षित है। वे अपना फसल चाहे तोपीपी पर बेंचे। लेकिन, मेरा तो यह व्यक्तिगत अनुभव है, कि मेरे गृह भोजपुर जिले और बक्सर, कैमूर, सासाराम क्षेत्र तो अधिकांश चावल उत्पादन का क्षेत्र है। इस क्षेत्र को ” धान का कटोरा ” भी कहा जाता है। यहाँ एम 0 एस 0 0 पी 0 0 पर धान लोग बेचेंगे क्यों? यहाँ पर तो खेत से ही धान एम ० एस ० पी ० से ० पचास गुणा, डेढ़ चौड़ाई, दुग्ना कीमत पर उठाकर मार्कर ले जाते हैं। अतः यह जो कुछ सौ लोगों ने दिल्ली की सीमा पर हंगामा खड़ा कर रखा है उनके बारे में पता करना चाहिए कि वे वास्तव में खेत में मेहनत करने वाले किसान हैं या मंडियों के दलाल हैं? किसान को तो कृषि कानून से फायदा है, दलालों और दक्षिणपंथियों को नुकसान है। ये आंदोलनकारी किसानों का साथ दे रहे हैं या मंडी के दलालों और अनाज के आयतों को?