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किशनगंज : संचारी रोग पदाधिकारी ने एनटीईपी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिया जरूरी निर्देश

राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार, संभावित मरीजों की खोज व उन तक उपलब्ध सरकारी योजनाओं की पहुंच करायें सुनिश्चित

किशनगंज, 10 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, जिले को तय सीमा के अंदर टीबी मुक्त बनाना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है। इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर सतत प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षात्मक बैठक को जिला यक्ष्मा कार्यलय में जिला संचारी रोग पदाधिकारी डा. एनामुल हक़ की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित की गयी। बैठक में संबंधित विभिन्न मामलों की गहन समीक्षा की गयी। बैठक में संभावित टीबी मरीजों की खोज व शत प्रतिशत मरीजों तक उपलब्ध सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने पर विशेष जोर दिया गया। बैठक में डब्ल्यूएचओ के स्टेट कंस्लटेंट, जिला टीबी समन्वयक अविनाश कुमार  सहित सभी एसटीएस, एसटीएलएस सहित अन्य मौजूद थे। कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जिला संचारी रोग पदाधिकारी डा. एनामुल हक़ ने कहा कि तय समय सीमा के अंदर जिले को टीबी मुक्त बनाना विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है। संभावित टीबी मरीजों की खोज व उनका समुचित उपचार निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसलिये इस दिशा में कर्मियों की किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों के प्राइवेट नोटिफिकेशन की प्रक्रिया में तेजी लाना जरूरी है। निक्षय मित्र योजना के लाभ के लिये मरीजों की पेंडिंग कंसेन्ट का निपटारा, विभागीय पोर्टल पर मरीजों की इंट्री व उन्हें निक्षय पोषण योजना का लाभ उपलब्ध कराने संबंधी कार्य में तेजी लाने का निर्देश उन्होंने दिया। सिविल सर्जन ने निर्धारित कार्यों के निष्पादन में उदासीन रवैया के लिये संबंधित कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डा. हक़ ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से कर्मियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान को गंभीरता से लेने की जरूरत है। जिला स्तर पर इसे लेकर सभी कवायद पूरी हो चुकी है। प्रखंड स्तर पर संबंधित अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाते हुए इस दिशा में सार्थक पहल किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निक्षय पोर्टल पर सभी हेल्थ वेलनेस सेंटर की मैपिंग का कार्य जल्द सुनिश्चित कराना अनिवार्य है। जिला संचारी रोग पदाधिकारी ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हर दिन ओपीडी में आने वाले कम से कम दस फीसदी मरीजों की टीबी जांच सुनिश्चित कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर भी योग्य व सक्षम लोगों को चिह्नित कर निक्षय मित्र बनने के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित करने की जरूरत है। ताकि अधिक से अधिक मरीजों तक जरूरी सहायता उपलब्ध करायी जा सके। जिला टीबी समन्वयक  अविनाश कुमार ने कहा कि इस वर्ष जनवरी से लेकर जून  तक 807 मरीजों को नियमित रूप से दवा का सेवन कराया जा रहा है। वहीँ वर्ष 2022 के  माह जनवरी से जून तक 406 मरीज नियमित तौर पर दवा एवं पौष्टिक आहार का सेवन करने के बाद अब पूरी तरह से टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं।

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