पत्रकारों से खबरों का स्रोत पूछने का अधिकार नहीं – उच्चतम न्यायालय
![](https://kewalsachlive.in/wp-content/uploads/2024/02/IMG-20240203-WA0001-2.jpg)
नई दिल्ली। भारतवर्ष के अघोषित चौंथे स्तंभ की गरिमा को बचाने के लिए आया सुप्रीम कोर्ट का रिव्यू स्टेटमेंट। माननीय न्यायालय एक बार फिर पुलिस प्रशासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर निशाना साधा और चेतवानी भी दी।
चीफ़ जस्टिस न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूर्ण की बेंच ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 19 और 22 के तहत पत्रकारों के मूल अधिकारों की स्वतंत्रता के खिलाफ पुलिस किसी भी पत्रकार के सोर्स नही पूछ सकती है और न ही न्यायालय। तब तक जब तक कि पत्रकारों के खिलाफ बिना जांच और पुख्ता सबूत के दर्ज मुकदमे और गवाही की जांच नही हो जाती है।
आज कल देखा जा रहा है कि पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता हनन कर रही है क्योंकि अधिकतर मामले में पुलिस खुद को श्रेष्ठ बनाने के लिए ऐसा करती है जिस संबंध में उच्च न्यायालय ने अब अपने कड़े रुख दिखाने पर कहा है अगर पुलिस ऐसा करती पाई जाती है तो फिर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।