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प्याज भंडारण की वैज्ञानिक संरचनाओं से किसानों की आय में होगी वृद्धि

तकनीकी प्रशिक्षण व डेमो संरचनाओं से सुनिश्चित होगा गुणवत्तापूर्ण निर्माण

नोडल अधिकारियों के माध्यम से किसानों को समुचित मार्गदर्शन

अविनास कुमार/माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार किसानों को सशक्त बनाने और फसल के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों के अंतर्गत अब प्याज भंडारण को बढ़ावा देने के लिए किसानों को आधुनिक भंडारण संरचनाएं विकसित करने हेतु सरकारी अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्याज भंडारण में सबसे बड़ी चुनौती होती है भंडारण की कमी, जिसके कारण किसानों को अक्सर अपने उत्पाद बहुत ही कम दामों में बेचना पड़ता है या उत्पाद नष्ट हो जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्याज भंडारण हेतु विज्ञान आधारित संरचनाएं विकसित करने पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्याज भंडारण संरचना हेतु कुल 4 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत पर योजना कार्यान्वयन की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि प्याज की पर्याप्त और उचित भण्डारण की सुविधा की कमी एक बड़ी समस्या है, जो प्याज उत्पादक किसानों को आपात बिक्री के लिए विवश करता है। इसे दृष्टिगत रखते हुए प्याज के लिए उपयुक्त भण्डारण संरचना का निर्माण कराकर किसानों को प्याज का उचित मूल्य प्राप्त होने के उद्देश्य से योजना तैयार किया गया है, ताकि प्याज की खेती करने वाले किसानों को अपने उत्पाद का उचित बाजार मूल्य गैर मौसम में भी प्राप्त हो सके एवं किसानों की आय में वृद्धि हो सके।

श्री सिन्हा ने कहा कि यह केन्द्र प्रायोजित योजना है। इस योजना का कार्यान्वयन अनुसूची-2 के अनुसार राज्य के 23 जिलों यथा-भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, नवादा, सारण, शेखपुरा, सिवान, औरंगाबाद, बाँका, बेगूसराय, भागलपुर, गया, खगड़िया, मधुबनी, मुंगेर, नालन्दा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर एवं वैशाली में वित्तीय वर्ष 2025-26 में कराया जायेगा।
प्याज भण्डारण संरचना का निर्माण वित्तीय वर्ष 2023-24 में सब्जी विकास योजना के तहत् अनुमोदित विभागीय प्राक्कलन एवं नक्शा के आलोक में किसानों द्वारा किया जायेगा। प्राक्कलन की राशि अथवा अधिकतम 6 लाख रूपये का 75 प्रतिशत अर्थात 4.50 लाख रूपये प्रति इकाई सहायतानुदान दो समान किस्तो में डी बी टी- इन- कैश के रूप में दिया जायेगा। प्रथम किस्त सिविल कार्य (नीव, प्लींथ एवं छत स्तर के ढाँचागत निर्माण) के उपरांत तथा द्वितीय किस्त संरचना निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत दिया जायेगा। प्रति कृषक परिवार को अधिकतम एक प्याज भण्डारण संरचना का लाभ दिया जायेगा।
इस योजनान्तर्गत अनुमानित प्रति संरचना 70 मानव दिवस के अनुसार कुल 7 हजार मानव दिवस का सृजन होगा।
इस योजना का लाभ लेने हेतु किसानों का डी बी टी पोर्टल पर पंजीकरण आवश्यक होगा। कृषकों का चयन प्राप्त ऑनलाईन आवेदन से श्रेणीवार लॉटरी के आधार पर किया जायेगा। आवश्यकतानुसार आवेदन प्राप्ति हेतु पोर्टल को खोले जायेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह पहल न केवल उत्पादन के बाद नुकसान को कम करेगी बल्कि बाजार में कीमतों को स्थिर रखने और किसानों को उचित मूल्य दिलाने में भी मददगार साबित होगी। प्याज भंडारण योजना के अंतर्गत किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, डेमो संरचनाओं का प्रदर्शन, और निर्माण के लिए डिजाइन और सलाह भी दी जा रही है ताकि वे उच्च गुणवत्ता वाली संरचना बना सकें। राज्य सरकार ने प्रत्येक प्रखंड में कृषि विभाग के माध्यम से नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं जो किसानों को आवेदन प्रक्रिया, साइट चयन और निर्माण में सहायता प्रदान कर रहे हैं।

बिहार सरकार की यह पहल किसानों की आय को स्थिरता देने, उत्पादन की बर्बादी को रोकने और सब्जी विपणन व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्याज जैसी फसलों के लिए सटीक भंडारण समाधान किसानों को बाजार में बेहतर दाम दिलाने में मदद करेगा और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा।

सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान को उत्पादन के साथ-साथ सुरक्षित भंडारण की सुविधा भी मिले, जिससे खेती लाभ का सौदा बने और बिहार सब्जी उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन में देश का अग्रणी राज्य बन सके।

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