बिहार बजट जनविरोधी: भाकपा।…
कुणाल कुमार:-पटना। , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश बजट को जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा राज्य के योजना में कटौती की गई है। मुख्यमंत्री आवास योजना को लेकर कोई विशेष उपबंध नहीं की गई है। सामाजिक सुरक्षा योजना के एक करोड़ लाभार्थियों के पेंशन की बढ़ोतरी की कोई बातें नहीं की गई। पेंशनधारियों को मात्र चार सौ रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है। स्कीम वर्करों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की घोषणा नहीं की गई है और ना ही मानदेय बढ़ाने की घोषणा की गई है। मनरेगा के बजट पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। बजट के अधिकांश राशि वेतन, पेंशन, कर्ज वापसी, सूद देने और सरकार के विलासिता पर खर्च की जायेगी। जबकि विकास योजनाओं की राशि मे कटौती की गई है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा बिहार सरकार कर्ज लेकर घी पी रही है। बिहार पर कर्ज करीब तीन लाख करोड़ हो गया है जबकि अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 52 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेगी। राजस्व के अपने स्रोतों के विकास के अभाव में बिहार पर कर्ज का पहाड़ दिनों दिन लदता जा रहा है। 2024-25 के बजट अनुमान के आधार पर अगर हम आकलन करें तो पता चलता है कि 20,526 करोड़ रुपये सालभर में केवल सूद के रूप में चुकाने हैं। अगर हम गणना करें तो हर दिन के हिसाब से यह लगभग 60 करोड़ बैठता है। वित्त मंत्री के दावों को अगर हम माने तो 2022-23 के अंत में राज्य सरकार पर कुल बकाया ऋण दो लाख 93 हजार करोड़ था। 2023-24 में लगभग 49 हजार करोड़ लोन लेने का अनुमान है। 2024-25 में 51,688 करोड़ कर्ज लेने का लक्ष्य तय किया गया है। इससे स्थिति का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन फिसड्डी है।