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कृषि विभाग के अन्तर्गत सभी स्तर के रिक्त पदों पर शीघ्र की जायेगी बहाली -मंगल पाण्डे

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार श्री मंगल पाण्डे द्वारा आज कृषि भवन, पटना अवस्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक की गई। इस बैठक में उनके द्वारा विभागीय योजनाओं की समीक्षा की गई।

माननीय मंत्री ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के निदेश के आलोक में कृषि विभाग के अन्तर्गत सभी स्तरों के रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली की जायेगी। उन्होंने रिक्त पदों पर बहाली की प्रक्रिया आरम्भ करने का निदेश संबंधित अधिकारियों को दिया। विभाग में स्वीकृत पदों के एवज में रिक्त पदों के संबंध में जानकारी 15 जून तक उपलब्ध कराने का भी निदेश दिया। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग में नियमित रिक्त पदों के साथ-साथ संविदा आधारित रिक्त पदों के बारे में जानकारी दी जाये।

माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में खरीफ मौसम की शुरूआत हो गई है। खरीफ मौसम में बिहार में किसानों द्वारा मुख्य रूप से धान, मक्का, अरहर, मोटे अनाज आदि की खेती की जाती है। उत्तर बिहार में जहाँ किसान रोहिणी नक्षत्र (25 मई) से ही धान का बीज गिराना शुरू कर देते हैं, वहीं दक्षिण बिहार में धान का बीज प्रायः आर्द्रा नक्षत्र (22 जून) से गिराया जाता है। उन्होंने कहा कि धान के विभिन्न प्रभेदों के बीज का किसानों के बीच अनुदानित दर पर वितरण का कार्य किया जा रहा है। इस खरीफ मौसम में 76272.52 क्ंिवटल धान के बीज का वितरण किया जाना है, जिसके विरूद्ध अब तक 10901.29 क्ंिवटल धान के बीज का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बीज वितरण कार्य में तेजी लाने का निदेश अधिकारियों को दिया।
उन्होंने बताया कि राज्य में बीज, उर्वरक एवं पौधों के लिए कीट/व्याधि नियंत्रण की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इस खरीफ मौसम में जून माह तक 225000 मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है, जिसके विरूद्ध आज तक 308333 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है, जो 137 प्रतिशत है। इसी प्रकार बिहार में जून माह तक 105000 मीट्रिक टन डी0ए0पी0, 100000 मीट्रिक टन एन0पी0के0 तथा 15000 मीट्रिक टन पोटाश की आवश्यकता है, जिसके एवज में अभी तक क्रमशः 42846 मीट्रिक टन डी0ए0पी0, 86850 मीट्रिक टन एन0पी0के0 एवं 5818 मीट्रिक टन पोटाश उपलब्ध है। उन्होंने किसानों से संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करने का अपील किया, जिससे मिट्टी की उर्वरा-शक्ति बरकरार रहे।

माननीय मंत्री ने कहा कि किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बड़े-बड़े कृषि यंत्रों के साथ-साथ छोटे-छोटे कृषि यंत्रों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। सभी प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए जिलावार लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए किसानों से अभी तक 75 हजार ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 45 हजार आवेदन का सत्यापन किया जा चुका है। 20 जून के बाद आवेदक किसानों के बीच कृषि यंत्रों का वितरण लॉटरी के माध्यम से किया जायेगा।

श्री पाण्डे ने बताया कि अक्षांश-देशान्तर के आधार पर प्रति एकड़ एक मिट्टी जाँच नमूना लिया जाता है। अभी तक 1 लाख 45 हजार मिट्टी जाँच नमूना प्रयोगशाला में प्राप्त हो चुका है, जिसमें से 43 हजार से अधिक नमूने की जाँच की जा चुकी है। मिट्टी जाँच नमूने की जाँच का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि बिहार में 72 ग्राम्यस्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला, 38 जिलास्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला, गया, मुंगेर एवं भागलपुर के अनुमंडल में 03 अनुमंडलस्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला कार्यरत हैं। इसके साथ ही, राज्य में प्रमंडल स्तर पर 09 चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशाला कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर एवं डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर में भी मिट्टी जाँच प्रयोगशाला स्थापित है। उन्होंने 13 जून को सभी स्तर के मिट्टी जाँच प्रयोगशाला के प्रभारियों के साथ एक बैठक आयोजित करने का निदेश दिया।

माननीय मंत्री ने कहा कि बिहार में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत् 80.60 लाख किसानों को उनके खाते में प्रत्येक वर्ष 2-2 हजार रूपये तीन किस्तों में अंतरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक किसानों के खाते में 22353 करोड़ रूपये अंतरित किये गये हैं। उनके द्वारा बिहार राज्य बीज निगम एवं मार्केटिंग बोर्ड के कार्याें की भी समीक्षा की गई एवं आवश्यक निदेश दिये गये।
इस बैठक में कृषि निदेशक श्री मुकेश कुमार लाल, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य बीज निगम श्री आशुतोष कुमार वर्मा, निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार, अपर सचिव श्री शैलेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव द्वय श्री मदन कुमार एवं श्री मनोज कुमार, उप निदेशक (प्रशासन) श्री मुकेश कुमार अग्रवाल, विशेष कार्य पदाधिकारी सुनील कुमार, अपर निदेश (शष्य) श्री धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक, बसोका श्री सनत कुमार जयपुरियार, निदेशक, भूमि संरक्षण श्री सुदामा महतो, संयुक्त निदेशक (रसायन), मिट्टी जाँच प्रयोगशाला श्री विनय कुमार पाण्डेय सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थें।

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