किशनगंज : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद में हेल्दी बेबी शो का हुआ आयोजन
सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान

किशनगंज, 07 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, शिशुओं को बीमारी से दूर रखने का सबसे कारगर तरीका है स्तनपान। जिससे शिशु के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता रहता है। इसके प्रति महिलाओं को जागरूक करने के लिए प्रत्येक साल स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जाता है। जिसमें एक से सात अगस्त तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर जागरूकता फैलाई जा रही है। इसी क्रम में सोमवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी गर्भवती व धातृ महिलाओं को स्तानपान के संबंध में जागरूक करने के लिए गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रभातफेरी, लाभार्थी महिलाओं के साथ बैठक, जीरो से दो वर्ष के बच्चों का हेल्दी बेबी शो, प्रदर्शनी के माध्यम से स्तनपान का संदेश दिया गया। वहीं विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत जिले के ग्रामीण प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद में हेल्दी बेबी शो का आयोजन किया गया। हेल्दी बेबी शो में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. के के कश्यप ने कहा कि अक्सर बच्चे मां की नासमझी और स्तनपान न कराने के चलते कुपोषित हो जाते हैं। ऐसे में इन बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए माताओं को विशेष ध्यान देना चाहिए। सीडीपीओ ने कहा कि जन्म के एक घंटे के भीतर ही नवजात को स्तनपान कराना चाहिए। गाढ़ा पीला दूध ही शिशुओं में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करता है। हेल्दी बेबी शो में स्थान प्राप्त बच्चों के अलावा अन्य बच्चों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में खिलौने व पोषण आहार की किट भेंट की गईं। प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार साहा ने बताया कि हेल्दी बेबी शो के दौरान छोटे बच्चों की सेहत को लेकर प्रतियोगिता आयोजित की गई। बेलवा पंचायत का नन्हा बच्चा मीर उरकत पहले स्थान पर रहा। वहीं दूसरे नंबर पर बेलवा पंचायत की ही सादिया तबस्सुम व तीसरे नंबर पर नूर फातमा एवं आसिया नाज चुनी गईं। सभी विजेता बच्चों को उपहार देकर पुरस्कृत किया गया। स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस ग्रामीण की ओर से आयोजित इस बेबी शो में इलाके के 22 बच्चों ने भाग लिया। इनके अभिभावक भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। इन सभी बच्चों की उम्र के हिसाब से लंबाई, तंदुरुस्ती, वजन को आंका गया। इस कार्यक्रम में आए सभी बच्चों के टीकाकरण की भी जांच की गई। इस कार्यक्रम के आयोजन में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भी सहयोग रहा। कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. तमसील अहमद अंसारी ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत महिलाओं को उनकी सेहत व छोटे बच्चों की तंदुरुस्ती को लेकर जागरूक किया जा रहा है। कुपोषण को किस तरह से खत्म किया जा सकता, इसपर भी जानकारी दी जा रही है। शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं स्तनपान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्व स्तनपान सप्ताह 01 से 07 अगस्त तक मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में बेबी शो में एक वर्ष तक की आयु के बच्चों ने भाग किया। प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार साहा ने बताया कि बच्चे का जन्म पंजीकरण, आयु के सापेक्ष वजन, टीकाकरण की स्थिति, जन्म के समय कोलोस्ट्रोम का महत्व, छह माह तक केवल स्तनपान और सामान्य परीक्षण के तहत बच्चों को चयनित किया गया है। स्तनपान के संबंध में महिला चिकत्सा पदाधिकारी डा. आसिया नूरी ने बताया, विश्व स्तनपान सप्ताह के अलावा भी पूरे साल आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थी महिलाओं को शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जाता है। लेकिन, विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान नवजात स्वास्थ्य में स्तनपान की भूमिका के प्रति जागरूकता प्रदान कर सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है। लोगों को बताया जाता है कि जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने वाले नवजात शिशुओं में मृत्यु की संभावना 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके साथ ही पहले छह महीने तक केवल स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया एवं निमोनिया से होने वाली मृत्यु की संभावना 11 से 15 गुना तक कम हो जाती है। स्तनपान करने वाले शिशुओं का समुचित ढंग से शारीरिक एवं मानसिक विकास होता एवं वयस्क होने पर उसमें गैर संचारी (एनसीडी) बीमारियों के होने की भी संभावना कम होती है। इसके साथ ही स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन एवं ओवरी कैंसर होने का खतरा भी नहीं होता है।