स्वच्छता और समृद्धि की ओर किशनगंज का कदम
कूड़े से कमाई: किशनगंज नगर परिषद लगाएगा प्रोसेसिंग प्लांट, बनेगा जैविक खाद और सड़क निर्माण की सामग्री

किशनगंज,13जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, अब शहर से निकलने वाला कूड़ा-कचरा सिर्फ बोझ नहीं, बल्कि आमदनी का साधन भी बनेगा। किशनगंज नगर परिषद ने कचरे के सही निस्तारण और पुनर्चक्रण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। जुलाई महीने से शहर के महेशबथना डंपिंग यार्ड में करीब 3.5 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट की शुरुआत की जा रही है, जो जैविक खाद के साथ-साथ सड़क निर्माण में उपयोगी सामग्री भी तैयार करेगा।
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार के अनुसार, प्रतिदिन शहर से औसतन 45 टन कचरा निकलता है, जिसमें लगभग 25 टन सूखा और 20 टन गीला कचरा होता है। इस कचरे को प्रोसेस कर प्रतिदिन लगभग 10 टन जैविक खाद और 10 से 12 टन प्लास्टिक अपशिष्ट आधारित निर्माण सामग्री तैयार की जाएगी। इससे एक ओर जहां पर्यावरणीय स्वच्छता सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर नगर परिषद की आर्थिक स्थिति में भी मजबूती आएगी।
खाद की सीधी बिक्री के लिए खुलेगा आउटलेट
प्रोसेसिंग प्लांट से तैयार की जाने वाली जैविक खाद की सीधी बिक्री के लिए नगर परिषद द्वारा विशेष आउटलेट खोला जाएगा। यहां से आम लोग, बागवानी प्रेमी, नर्सरी संचालक और किसान निर्धारित रेट पर खाद खरीद सकेंगे। यह खाद पूरी तरह प्राकृतिक और रासायन मुक्त होगी, जिससे फसलों की गुणवत्ता और मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होगी।
फिलहाल खाद की रेट, पैकेजिंग और ब्रांडिंग को लेकर नगर विकास विभाग से अनुमोदन की प्रक्रिया जारी है। खाद के विपणन के लिए सरकारी मान्यता प्राप्त एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाएगी। अनुमान है कि इससे नगर परिषद को लाखों रुपये प्रति माह की आय होगी।
सूखे कचरे से निकलेगी निर्माण सामग्री
सिर्फ जैविक खाद ही नहीं, बल्कि सूखे कचरे जैसे प्लास्टिक, रबर, पॉलीथिन आदि की प्रोसेसिंग कर सड़क निर्माण में उपयोगी सामग्री भी तैयार की जाएगी। यह सामग्री टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल होगी। इसके जरिए सड़क निर्माण लागत में भी कमी आएगी और प्लास्टिक प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।
पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल
किशनगंज नगर परिषद का यह प्रयास एक स्थायी और सतत विकास मॉडल की ओर इशारा करता है। यह न सिर्फ शहर को स्वच्छ बनाएगा, बल्कि युवाओं के लिए स्थानीय रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। कचरे के इस समुचित प्रबंधन से किशनगंज “कचरा मुक्त और हरित शहर” बनने की दिशा में अग्रसर होगा।
भविष्य की ओर नई सोच
नगर परिषद का यह कदम पूरे राज्य के लिए एक रोल मॉडल बन सकता है। आने वाले समय में यदि इस योजना का क्रियान्वयन सही दिशा में होता है तो किशनगंज न सिर्फ एक स्वच्छ शहर कहलाएगा, बल्कि “कूड़े से करोड़ों की कमाई” करने वाला पहला छोटा नगर निकाय भी बन सकता है