किशनगंज : पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश के कारण महानंदा, मेची, चेंगा, कनकई, पवना नदी में जलस्तर में बढ़ोतरी, कनकई के कटाव से खतरे में गोगरिया गांव का अस्तित्व, निचले इलाके के गांवों में बाढ़ का पानी घुसने का खतरा मंडराता आ रहा है नजर।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, प्रखंड के पूर्वी दिशा व पोठिया प्रखंड के सीमा पर बहने वाली महानंदा नदी सहित भारत नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची और चेंगा, कनकई, पवना आदि नदी के जल स्तर में शनिवार को वृद्धि देखी गई। गत तीन दिनों से पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश के कारण ही इन नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण कटाव भी हो रही है। निचले इलाके के गांवों में लोगों को बाढ़ का पानी घुसने का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। प्रखंड मुख्यालय से 28 किमी दूर खारुदह पंचायत में बहने वाली कनकई नदी व मेची नदी के बीच बसे वार्ड नंबर 04 के गोगरिया कालोनी गांव के 08 घर व करीब 10 एकड़ कृषि योग्य भूमि कटाव की चपेट में आकर नदी में समा गए हैं। कनकई नदी के कटाव से गोगरिया कालोनी गांव का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है। अब भी 25 से 30 घरों पर कटाव की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है। यहां के करीब दर्जन भर परिवार के लोगों को अपने घर व कृषि योग्य भूमि का कटाव होने की चिता बनी हुई है। स्थानीय मुखिया मो० जुल्फिकार ने बताया कि खारुदह पंचायत के गोगरिया कालोनी गांव की स्थिति काफी भयावह होती जा रही हैं।कनकई नदी के कटाव के कारण उक्त गांव के लोगों के घर व जमीन नदी में समा रही हैं। गांव के प्रभावित ग्रामीण मो० खैरुद्दीन, नरोज बेगम, मिन्हाज आलम, सादिक आलम, आदि ने बताया कि पिछले वर्ष भी हमलोगों के 09 घर कनकई नदी के कटाव से नदी में समा गया था। इस बार उससे और बुरी स्थिति हैं। वहीं शनिवार को सीओ ओमप्रकाश भगत ने बाढ़ से अधिक प्रभावित वाले क्षेत्र व गांव के किनारे बहने वाली नदियों के जलस्तर का निरीक्षण किया। इस संबंध में सीओ ने बताया कि प्रशासन अलर्ट मोड में है। अभी तक किसी गांव अथवा घर में बाढ़ के पानी के घुसने की सूचना प्राप्त नहीं हुई हैं। ठाकुरगंज अंचल अंतर्गत बहने वाली नदियों के जलस्तर पर नजर रखने के साथ-साथ कटाव स्थलों की सूची बाढ़ नियंत्रण व जल निस्सरण विभाग को दी गई हैं ताकि समय रहते कटाव स्थल की मरम्मत की विभागीय कार्रवाई की जा सके।