किशनगंज : उत्क्रमित मध्य विद्यालय अथियाबारी में निःशुल्क कैंसर रोग जागरूकता कैंप का किया गया आयोजन
कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए संतुलित खान-पान आवश्यक
- शरीर का कोई भी भाग हो सकता है कैंसर का शिकार
- समय पर जांच व इलाज कराने से कैंसर मुक्त हो सकता है मरीज।
- कैंसर के मरीजों को मुफ्त इलाज के लिए भेजा जाता है पटना।
किशनगंज, 24 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, “बचपन इच्छाओं और अनंत संभावनाओं के सपने का समय है। लेकिन कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए यह जीवन की लड़ाई है। चिकित्सा एक आम प्रक्रिया होती है लेकिन कैंसर पीड़ित बच्चों के उपचार में संवेदना उन्हें संबल देने का काम करती है। कैंसर के बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है और अभी भी गाँव में लोग यह समझते हैं कि बच्चों को कैंसर नहीं होता है। इसलिए जिले के पोठिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अथियाबारी में निःशुल्क कैंसर रोग जागरूकता कैंप का आयोजन बुधवार को छतरगाछ के चिकित्सा पदाधिकारी डा० सद्दाम अंसारी के द्वारा किया गया। जिसमें 60 बच्चे एवं 10 शिक्षक शामिल हुए। कैम्प में बच्चों को बताया गया कि कैंसर जैसी भयावह बीमारी भी अब लाइलाज नहीं है। समय पर इसकी पहचान होने पर इसका इलाज किया जा सकता है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित गैर संचारी रोग (एनसीडी) क्लीनिक में लोग कैंसर की जांच करा सकते हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर उसे बेहतर चिकित्सा के लिए उत्कृष्ट मेडिकल अस्पताल भेजा जाएगा, जहां लोग निःशुल्क अपना कैंसर का इलाज करवा सकते हैं। इस दौरान उपस्थित लोगों के मुँह, आदि की जांच करते हुए उन्हें कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक खान-पान का ध्यान रखने की सलाह दी गई। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि शरीर का कोई भी भाग कैंसर का शिकार हो सकता है। सामान्यतः लोग मुँह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर या महिला वर्ग में स्तन कैंसर के शिकार हो जाते हैं। शरीर के किसी भी अंग में सूजन का होना, गांठ या कड़ापन पाया जाना, तिल/मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, शरीर के किसी घाव का न भरना, लगातार बुखार और वजन में कमी होना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई होना या उस दौरान रक्त निकलना, 03 सप्ताह के अधिक खांसी होना या आवाज में परिवर्तन आना, मुँह में अधिक समय तक छाला या पैच का होना जो ठीक नहीं हो रहा हो, 4-6 सप्ताह या उससे ज्यादा समय तक पतला दस्त का होना, महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन या रक्त का रिसाव, रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव का होना इत्यादि कैंसर के सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी व्यक्ति को शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवानी चाहिए। समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव है। एनसीडी अधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि समय पर कैंसर की पहचान होने के बाद व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाता है। कैंसर के मरीज मिलने पर उसे बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा जाता है। जहां इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स, पीएमसीएच व महावीर कैंसर अस्पताल में मरीजों की आवश्यक जांच के साथ बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाता है। डा० सद्दाम अंसारी ने उक्त कार्यक्रम में जांच के क्रम में कहा कि वर्तमान समय में बाजार में पाए जा रहे अधिकतर खाद्य पदार्थ केमिकल्स के मिश्रण से बने होते हैं। जिसका अधिक इस्तेमाल कैंसर को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके साथ ही बहुत से लोग धूम्रपान व तम्बाकू का अत्यधिक सेवन करते हैं, जो मुँह कैंसर का कारण है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में कैंसर मरीजों की संख्या लगभग 25 लाख से ज्यादा है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट-2019 के अनुसार हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत कैंसर की वजह से होती है। जिनमें से 80 प्रतिशत मौतें लोगों के उदासीन रवैये के कारण होती है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए। जिसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें मौजूद विटामिन व मिनिरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है।