पटना : बिहार के बाहर फंसे छात्रों एवं मजदूरों को घर वापस लाने हेतु सांकेतिक अनशन:-डॉ सुरेश पासवान

मजदूरों की हक की बात, आओ उठाएं मिलकर साथ।ओ जो घर से दुर है, बेबस और मजबूर है।सरकार उनका साथ दो जो बिहार के छात्र और मजदूर है।
पटना-रणजीत कुमार सिन्हा, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ० सुरेश पासवान ने कहा है कि नेता बिरोधी दल श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी के द्वारा तथा हम सब लोगों के द्वारा लगातार बिहार से बाहर फंसे छात्रों एवं अप्रवासी मजदूरों को अपने घर लाने का हर स्तर पर सुझाव के साथ साथ दबाव बनाने का काम किया जा रहा था।लेकिन बिहार सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार अडिग बने रहे की हम किसी किमत पर बिहारवासियों को बिहार नहीं आने देंगे।जबकि अनेक राज्यो के मुख्यमंत्री अपने अपने राज्यों के लोगों को सरकारी संसाधनों से बुला लिया।पता नहीं इन बेबस लोगों से किस जन्म का दुष्मनी नितीश कुमार निकाल रहे हैं।डॉ० पासवान ने कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा बिहारवासियों को बुलाने हेतू पुरजोर और वाजिब मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने आखिरकार कुछ शर्तों के साथ छात्रों, पर्यटकों, एवं अप्रवासी मजदूरों को अपने राज्य में वापस बुलाने हेतू गाइडलाइंस जारी कर दिया।अब बिहार सरकार संसाधनों का अभाव बता कर छात्रों एवं अप्रवासी मजदूरों को लाने से असमर्थता जताई है जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।इसलिए राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर अपने अपने घरो पर सोशल डिस्टेंनसिंग का पालन करते हुए सांकेतिक अनशन का कार्यक्रम किया जाएगा ताकि बिहार सरकार को अभी भी सद्बुद्धि आ जाए।अगर युपी, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली,आसाम, जम्मू कश्मीर आदि राज्य सरकारें अपने राज्यवासियों को बुला सकती है तो बिहार सरकार क्यों नहीं, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार स्वयं ज़बाब दें।इसलिए बिना बिलंब किए बिहार के बाहर फंसे बिहारवासियों को चाहे छात्र हो या मजदूर सभी को कोरोना संक्रमण के प्रोटोकॉल को फौलो करते हुए डबल इंजन की सरकार को हठधर्मिता छोड़कर सम्मान पूर्वक बिहार लाकर उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया जाना चाहिए, ताकि वे अपने घर परिवार के नजदीक सरकार के शर्तों का पालन करते हुए चिंता मुक्त हो कर रह सकें।