किशनगंज : आयुष्मान कार्ड निर्माण में आगामी 14 अगस्त तक अभियान को मिशन मोड में चलाने के लिए जिलाधिकारी ने दिया आवश्यक दिशा-निर्देश
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा, जिले में निर्मित सभी ग्रामीण स्वास्थ्य और स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक आगामी बुधवार को आयोजित करने का निर्देश
किशनगंज, 02 अगस्त (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति, तुषार सिंगला की अध्यक्षता में शुक्रवार को उनके ही कार्यालय वेश्म में स्वास्थ्य संबंधी मामलों की मासिक समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। जिले में निर्धारित मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों में सुधार को लेकर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा में मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बैठक में डीएम के द्वारा आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत लाभार्थियों के कार्ड निर्माण को लेकर विगत 18 जुलाई से 31 जुलाई 2024 तक आयोजित विशेष अभियान को आगामी 14 अगस्त तक विस्तारित किया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया की एक भी योग्य लाभुक आयुष्मान कार्ड बनने से वंचित नहीं रहना चाहिए। जिलाधिकारी के द्वारा बैठक में स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस विभाग को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य और स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक आगामी बुधवार को आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति यानी वीएचएसएनसी आम लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाता है। इसके माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श के साथ साथ महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर लोगों के व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूकता भी फैलाया जाता है। इसके साथ-साथ यह प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, जैसे टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण वृद्धि निगरानी तथा प्रारंभिक शिशु विकास संबंधी सेवाएं प्रदान करने का बेहतर जरिया है। हर सप्ताह बुधवार व शुक्रवार को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी का आयोजन किया जाता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निर्मित जन आरोग्य समिति की बैठक प्रत्येक माह शत प्रतिशत रूप से करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। बैठक में मातृत्व-शिशु सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति पर विचार किया गया। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने कहा कि बीते कुछ माह के दौरान एएनसी जांच और प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित करने की प्रक्रिया में तेजी आयी है। हर माह इसमें 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का लक्ष्य निर्धारित है। प्रथम तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, प्रसव काल के दौरान चार या इससे अधिक बार एएनसी व हीमोग्लोबिन की जांच के साथ-साथ संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी व जन्म के उपरांत 2.5 किलो से कम वजन वाले नवजात को चिह्नित कर उनका समुचित उपचार तथा डायरिया प्रबंधन को लेकर प्रभावी कदम उठाने का निर्देश उन्होंने दिया। एएनसी जांच मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि को लेकर अधिकारियों को निरंतर क्षेत्र भ्रमण करते हुए संबंधित क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम को खास तौर पर इसके लिए प्रेरित करने का निर्देश उन्होंने दिया। सिविल सर्जन ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर हर स्वास्थ्य ईकाइयों का अनुश्रवण अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार, नियमित रूप से ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं का संचालन, निर्धारित रोस्टर के मुताबिक कर्मियों की सेवा सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया। साथ ही 80 प्रतिशत से कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों का नियमित अनुश्रवन का निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया है। आशा व आशा फैसिलिटेटर संबंधित क्षेत्र में मुख्यत-60 फीसदी बच्चों का एचबीएनसी, गर्भवती महिलाओं की लाइन लिस्टिंग, 60 फीसदी गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, महिलाओं का संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, आशा दिवस में प्रत्येक माह अपनी भागीदारी को लेकर जिम्मेदार हैं। इसमें कम से कम चार कार्य अनिवार्य रूप से संपादित करने में एनएचएम के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा उन्हें एक हजार रुपये का प्रोत्साहन प्रति माह दिया जाता है। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने उक्त बैठक में बताया की आयुष्मान कार्ड निर्माण को लेकर विगत दिनों स्पष्ट रूप से कहा गया था कि तय अवधि के अंदर इस अभियान को मिशन मोड में चलाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। इसके लिए सभी संबंधित पदाधिकारियों यथा-प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस, जीविका समूह सहित कई अन्य विभागों को लगाया गया है। हालांकि इसके साथ ही जिले के सभी पीडीएस दुकानों के साथ सीएससी के विलेज लेवल इंट्रप्रेनेर (वीएलई) की टैगिंग की गई है। वीएलई की कमियों को दूर करने के लिए पीडीएस दुकानों के साथ वीएलई के अलावा आवास सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, कृषि समन्वयक के अतिरिक्त आईसीडीएस, आपूर्त्ति, स्वास्थ्य, सहकारिता आदि के स्थानीय कंप्यूटर ऑपरेटर को भी टैग किया गया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा राज्य के सभी जिलों को जिलाधिकारी को पत्राचार कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा गया है कि कार्ड निर्माण में युद्धस्तर पर कार्रवाई अपेक्षित है ताकि एक करोड़ कार्ड निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। बैठक में उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता, एसडीओ लतीफुर रहमान, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कुंदन कुमार, सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, संचारी रोग पदाधिकारी, भीवीडीसीओ, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, डीपीएम, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक सहित अन्य मौजूद थे।