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डेनमार्क पीएम फ्रेडरिक्सन ने पीएम मोदी को सराहा, बताया पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत

कुंज बिहारी प्रसाद नई दिल्‍ली-डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन तीन दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भारत पहुंचीं। शनिवार को हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। बैठक के दौरान ‘हरित सामरिक गठजोड़’ के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा करने के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर चर्चा की गई। बैठक के बाद डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए एक प्रेरणा हैं, क्‍योंकि आपने 10 लाख से अधिक घरों में स्वच्छ पानी और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए कुछ बहुत ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। मुझे गर्व है कि आपने यात्रा के लिए मेरा निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने पानी, ग्रीन ईंधन, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में एक साथ कार्य करने की सहमति जताई। इस खास मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच कोरोना संकट की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की गई। बैठक खत्‍म होने के बाद दोनों देशों के बीच समझौतों का आदान-प्रदान भी किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी मुलाकात भले ही पहली रूबरू मुलाकात हो लेकिन कोरोना महामारी के दौरान भारत और डेनमार्क के बीच संपर्क लगातार बना रहा है। पीएम मोदी ने कहा हम जिस स्‍केल और स्‍पीड से आगे बढ़ रहे हैं उसमें डेनमार्क की तकनीक और विशेषज्ञता अपनी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज से एक साल पहले हमने वर्चुअल समिट में ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। यह हम दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी से वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रेडरिक्सन से भेंट की। जयशंकर ने ट्वीट किया, भारत की पहली यात्रा पर डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का स्वागत है। हमारा हरित सामरिक गठजोड़ इसके परिणामस्वरूप और आगे बढ़ेगा। बता दें कि डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन 9 से 11 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आई हैं। भारत और डेनमार्क के मजबूत कारोबारी एवं निवेश संबंध हैं। भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां मौजूद हैं, जबकि डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां हैं। दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जल एवं कचरा प्रबंधन, कृषि एवं पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डिजिटकलीकरण, स्मार्ट सिटी, पोत क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है।

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