*शिक्षा मंत्री के विवादित बयान:* जिन्हें 1932 का खतियान पसंद नहीं वे पानी में कूद दे दे जान…
राहुल कुमार राय:-बोकारो:* शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति अब विधानसभा में भी पास हो गया है। इसका विरोध करने वाले को मुंहतोड़ जवाब दें जिनको 1932 खतियान पर आधारित स्थानीयता अच्छा नहीं लग रहा है वे पानी में कूदकर जान दे दे। मंत्री जगन्नाथ महतो अपने पैतृक गांव अलारगो के सिमराकुल्ही फुटबॉल ग्राउंड में ग्रामीणों द्वारा अभिनंदन समारोह के दौरान बोल रहे थे।
*शिक्षा मंत्री के लिए आयोजित था कार्यक्रम*
अभिनंदन समारोह के दौरान बुजुर्ग महिला-पुरूष सहित नौजवान शामिल हुए। गट्टीगढ़ा कौशल विकास केंद्र की प्रशिक्षु छात्राओं ने पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। झारखंड विधानसभा में 1932 का खतियान आधारित स्थानीयता प्रस्ताव पारित होने एवं प्रदेश में नियोजन नीति के तहत झारखंडियों के लिए 75% आरक्षण पर ग्रामीण खुश थे। मंत्री व उनकी पत्नी बेबी देवी ने 500 कंबल का वितरण भी किया।
*अभिभावकों से पढ़ाने-लिखाने की बात कही*
मंत्री ने वर्ष 1932 खतियान आधारित स्थानीयता में हक-अधिकार को खोरठा भाषा से अवगत करा बच्चों को पढ़-लिखकर नौकरी लेने की बात कही। कहा कि आप सभी की दुआ से ही मुझे नया जीवन मिला है। मेरे द्वारा झारखंडियों को अधिकार एवं पहचान दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने के बाद हेमंत सोरेन सरकार में वर्ष 1932 खतियान आधारित स्थानीयता अब विस में भी पास हो गया। उन्होंने बताया कि 50 हजार शिक्षक बहाली में 37500 बहाली 1932 खतियानधारियों युवा – युवतियों के लिए सुरक्षित होगा।