विचार

:-: बादल :-:

पटना डेस्क /सनातन संस्कृति के अनुसार लगभग 185 दिन यानि 6 महीने, बादलो का गर्भधारण काल होता हैं। स्त्री के गर्भ की भांति, बादल 6 महीने, पानी का अपने अंदर पालन पोषण करते हैं। इसी बात को आधार बनाकर बारिश के होने या न होने, सभी स्थितियो में पूजा पाठ करने की रीति बनी, ताकि बादल स्वस्थ गर्भ धारण करके, धरती को स्वस्थ व हरी भरी बनाये। हवन व वेदमंत्रों से निकली ऊर्जा, से बादलो का पानी स्वस्थ होता हैं, जैसे गर्भाधान संस्कार करने से जो क्रिया स्त्रीगर्भ में होती हैं, वही बादलों के साथ होती हैं। सारा खेल ऊर्जा का हैं। वर्तमान में बादलों से गिरने वाला पानी अस्वस्थ हैं, जिसका दुष्प्रभाव धरती के समस्त जीवों पर पड़ रहा हैं। धरती पर होने वाले शोर

शराबे यानि ध्वनि प्रदूषण का बादलो के गर्भ पर नकरात्मक असर पड़ता हैं। आजकल होने वाली बिन मौसम बरसात अपने आप हो रही हैं या इसके पीछे कोई षड्यंत्र हैं, यह भी विचारणीय हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button