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*मुजफ्फरपुर दलित बच्ची से दुष्कर्म व इलाज के अभाव में मौत, दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराध और बिगड़ते कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप अनुच्छेद 175 के तहत की विशेष सत्र की मांग*

मनीष कुमार कमलिया/कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सहित 11 सदस्यीय शिष्टमंडल ने दलित बच्ची से दुष्कर्म और इलाज के अभाव में मौत पर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

दलित बच्ची से दुष्कर्म और इलाज के अभाव में मौत पर कांग्रेस के 11 सदस्यीय शिष्टमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप मांगा न्याय

मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में दुष्कर्म पीड़िता 9 वर्षीय दलित बच्ची की पीएमसीएच में इलाज के अभाव में मृत्यु तथा राज्य में दलितों के साथ हो रहे अन्यायपूर्ण व्यवहार और बदतर स्थिति के संबंध में बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के नेतृत्व में 11 सदस्यीय शिष्टमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन सौंपने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि मुजफ्फरपुर की एक मासूम दुष्कर्म पीड़िता 9 वर्षीय दलित बच्ची की पीएमसीएच में उचित इलाज न मिलने के कारण हुई दु:खद मृत्यु और राज्य में दलित समुदाय की लगातार बिगड़ती स्थिति को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने हेतु राजभवन में ज्ञापन सौंपने को उपस्थित हुए हैं। इस दुखद घटना ने राज्य सरकार की लापरवाही और संवेदनहीनता को उजागर किया है। बच्ची की मृत्यु सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की घोर विफलता का प्रमाण है। यह अत्यंत खेदजनक है कि एक दुष्कर्म पीड़िता को भी समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी, जिसके परिणामस्वरूप उसकी असमय मृत्यु हो गई। यह सीधे तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन है और समाज के सबसे कमजोर वर्ग के प्रति राज्य की गैर जिम्मेदारी को दर्शाता है।

महामहिम राज्यपाल! आप राज्य के अभिभावक हैं, बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान ने आपको संविधान के अनुच्छेद 175 में अधिकार दिया है :
अनुच्छेद 175 — राज्यपाल का विधानमंडल को संदेश देने का अधिकार
(1) राज्यपाल, समय-समय पर, राज्य की विधान सभा (या जहाँ द्विसदनीय व्यवस्था हो, विधान परिषद सहित दोनों सदनों) को संबोधित कर सकता है और उसे राज्य से संबंधित किसी भी विषय पर सूचना देने का अधिकार रखता है।
(2) राज्यपाल, किसी भी सदन को किसी विशेष विषय पर संदेश भेज सकता है। जिस सदन को संदेश भेजा गया है, उसे उस पर विचार करना होगा और राज्यपाल को उस पर उत्तर देना होगा।

अतः आपसे अनुरोध है कि बिहार की बिगड़ती क़ानून व्यवस्था और कुशासन के निर्मित हालातों के संदर्भित विषय में अनुच्छेद 175 का प्रयोग कीजिए और दोनों सदनों को आहूत कर सख़्त संदेश दीजिए।

बिहार की दलित बिटिया को घंटों तक अस्पताल में भर्ती न कर के उसकी संस्थागत हत्या की गई है। आपसे अनुरोध है कि संबंधित लोगों पर ग़ैर इरादतन हत्या का मुक़दमा दर्ज कर दंडित कीजिए।
महामहिम महोदय, बिहार ज्ञान, तप और त्याग की भूमि है, जिसे वर्तमान सरकार की सत्ता की सरपरस्ती में अपराधियों के गढ़ के रूप में तब्दील कर दिया गया है। आज बिहार का चप्पा-चप्पा रक्त रंजित है और सबसे ज़्यादा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े समुदायों को इसका दंश झेलना पड़ रहा है।

आज बिहार में एससी-एसटी समुदायों के ख़िलाफ़ 6,799 अपराध हर वर्ष हो रहे हैं (देश के कुल अपराधों का 13.16 प्रतिशत), बिहार इन अपराधों में पहले चार राज्यों में शुमार किया जाता है। शर्मनाक बात तो यह है कि इन अपराधों में सजा दिलाने की दर मात्र 8.6% है, अर्थात् 90% के लगभग अपराधी बच जाते हैं।

बीते दिनों ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट में बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं।
अतः आपसे अनुरोध है कि आप अनुच्छेद 175 के तहत दोनों सदनों को आहूत कीजिए और कड़ा संदेश दीजिए।

इसके अतिरिक्त, प्रदेश कांग्रेस इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है कि बिहार में दलित समुदाय की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। उन्हें न्याय, सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, परंतु जमीनी हकीकत इसके विपरीत प्रतीत होती है।
अतः, महामहिम से हमारा आग्रह है कि आप इस गंभीर मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें और निम्नलिखित बिंदुओं पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें:
1. उच्च स्तरीय जांच: मुजफ्फरपुर की दुष्कर्म पीड़िता बच्ची की मृत्यु के कारणों और PMCH में इलाज में हुई कथित लापरवाही की निष्पक्ष और समयबद्ध उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया जाए, ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके।

2. पीड़ित परिवार को न्याय और मुआवजा: पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए और उन्हें पर्याप्त मुआवजा प्रदान किया जाए।

3. स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार: राज्य के सरकारी अस्पतालों, विशेषकर पीएमसीएच जैसी प्रमुख संस्थाओं में, आपातकालीन और गंभीर मामलों के लिए चिकित्सा सुविधाओं और कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

4. दलितों के अधिकारों का संरक्षण: दलित समुदाय के प्रति हो रहे अन्याय को रोकने और उनके सामाजिक, आर्थिक तथा सुरक्षा संबंधी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं।

हमें आशा है कि आप इस गंभीर विषय की संवेदनशीलता को समझेंगे और जनहित में त्वरित तथा प्रभावी कदम उठाएंगे, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके और राज्य में सुशासन की स्थापना हो सके।

राज्यपाल को ज्ञापन देने वालों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजेश राम के अलावे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा, राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज आलम एवं देवेंद्र यादव, प्रेमचंद मिश्रा, जितेंद्र गुप्ता राजेश राठौड़, सरवत जहां फातिमा, नागेंद्र कुमार विकल, आजमी बारी, सौरभ सिन्हा , शशि रंजन , राजीव मेहता, डॉ संजय यादव, केसर कुमार सिंह ,अजय सिंह, रविंद्र पासवान, तबरेज शामिल थे।

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