शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के द्वारा समान काम समान वेतनको लेकर किया गया बैठक..

औरंंगाबाद/मयंक कुमार बारुण प्रखंड स्थित बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति पटना बिहार के आह्वान पर सुबे बिहार के प्रत्येक प्रखंड कार्यालय पर शनिवार को आहूत धरना कार्यक्रम के तहत बारुण प्रखंड कार्यालय पर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति बारुण द्वारा शांतिपूर्ण धरना का कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमें समान काम समान वेतन, भविष्य निधि योजना, पुरानी पेंशन योजना, राज्य कर्मी का दर्जा देने सहित अन्य मांगों को लेकर छठूसिंह की अध्यक्षता में सैकड़ों शिक्षक शिक्षिकाओं ने धरना में भाग लिया।वक्ताओं ने कहा कि सुशासन एवं न्याय के रास्ते राज्य के सत्ता पर काबिज होने वाली सरकार अपने न्याय एवं सुशासन के उद्देश्य से भटक चुकी है।18 जुलाई 2019 को पटना में शांतिपूर्ण धरना दे रहे शिक्षक शिक्षिकाओं पर जबरिया बर्बरता पूर्ण पुलिस कार्रवाई कर सरकार ने अपने मानसिक विकलांगता एवं निरंकुश ब्रितानी शासन व्यवस्था को प्रदर्शित करने का काम किया।शिक्षकों का आर्थिक मानसिक एवं सामाजिक शोषण करने वाली यह नीतिश सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक आधार खो चुकी है।भारतीय इतिहास गवाह है कि एक शिक्षक चाणक्य का अपमान नंद वंश के साम्राज्य का पतन का कारण बना एवं मगध में गुप्त वंश के गौरवशाली ऐतिहासिक काल का उदय हुआ।हम सरकार को आगाह करते हैं कि समय रहते हम शिक्षकों को समान काम का समान वेतन भविष्य निधि योजना का लाभ राज्य कर्मी का दर्जा तथा पुरानी पेंशन योजना इत्यादि मांगों को लागू करने की घोषणा करें।अन्यथा अपने कुकृत्यो का अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति प्रखंड इकाई बारुण के अध्यक्ष मंडल के सदस्यों ने शिक्षकों को आह्वान करते हुए कहा कि 17 अगस्त को जिला स्तर पर आयोजित धरना कार्यक्रम में बारुण के सैकड़ों शिक्षक भाग लेकर अपने चट्टानी एकता को प्रदर्शित करेंगे तथा 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का बहिष्कार करते हुए राज्य संघर्ष समिति के आह्वान पर पटना गांधी मैदान में सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मुंह पर कपड़ा बांधकर अपनी मांगों के समर्थन में उपस्थिति दर्ज कराएंगे।जब तक अपनी मांगों को पा नही लेते हैं तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी धरना में अनिल टाइगर, नरेंद्र सिंह मनोज कुमार, योगेद्र दुबे, भीम सिंह यादव, उपेंद्र वर्मा, रविशंकर सिंह, राजेश कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार, संध्या कुमारी, सुरेश गुप्ता पवन पांडे, संतोष मिश्रा सरफराज आलम, विश्वनाथ कुमार, इम्तियाज अहमद, गुलाम अली, जोगिंदर सिंह अमित सिंहा बाबू राम सिंह, बैजयंती कुमारी अरुंधति कुमारी, आरती कुमारी नसरीन बानो, ममता कुमारी, रीता कुमारी, परवीन बानो मुन्नी लाल सिंह संजय कुमार राम सकल सिंह, दीपक ओझा, कन्हैया सिंह धीरेंद्र कुमार चंद्रशेखर सिंह मोहम्मद शाहिद गीता कुमारी, कमलेश सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।