राजनीति

गड़हनी में अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) का 5वां जिला सम्मेलन सम्पन्न।…

गुड्डू कुमार सिंह:आरा/गड़हनी। आज गड़हनी बाजार लाल झंडों से पट्टा हुआ था। हजारों मजदूर हाथों में लाला झंडा और तख्ती लिए गड़हनी के सड़कों पर मार्च कर रहे थे। मौका था अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा(खेग्रामस) का पांचवां जिला सम्मेलन। यह मार्च देश मे प्रेस के आजादी पर हमला, गाजा में इजरायल द्वारा हमले के खिलाफ और 4 श्रम कोड के नाम पर मजदूरों को गुलाम बनाने के खिलाफ था। मार्च में प्रेस की आजादी की आजादी को पुनर्बहाल करो, न्यूज क्लिक और जनपक्षधर पत्रकारों की गिरफ्तारी पर रोक लगाओ, गजा में इजरायल द्वारा किये जा रहे जनसंहार पर रोक लगाओ, सभी भूमिहीन परिवार के लिए 5 डिसमिल जमीन ले कर रहेंगे, मजदूरों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने वाली 4 श्रम कोड वापस लो, मनरेगा में 600 रुपया मजदूरी और 200 दिन काम देना होगा, सभी बृद्धा- विकलांग- विधवा नागरिक को प्रति माह तीन हजार रुपया पेंशन देना होगा आदि नारे लगा रहे थे।सम्मेलन की शुरुआत भाकपा – माले के वरिष्ठ कार्यकर्ता मोहम्मद ईशा के द्वारा झंडोतोलन व शहीद वेदी पर माल्यार्पण के साथ व अभी शहीदों व गाजा और रघुनाथपुर ट्रेन हादशे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।


सम्मेलन के उद्घाटनकर्ता खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि देश मे गरीबों की पूंजी को लूट कर अडानी – अम्बानी का गोदाम भरा जा रहा है। यह सरकार गरीबों के पूंजी लूट कर चलने वाली है। एक तरफ अडानी – अंबानी की सत्ता तो दूसरे तरफ सामंती सत्ता कायम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बिहार में जाति जनगणना पर बोलते हुए कहा कि यह गणना साफ कर दिया कि 20 प्रतिशत वाले को 16 प्रतिशत तो 7-8 प्रतिशत वालों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रिजर्वेशन को फिर से लागू करना होगा। जाती के साथ – साथ जमीन और आर्थिक आंकड़ों को एक माह में प्रकाशित करना होगा। जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है। उन्हीने कहा कि हमे 22 प्रतिशत आरक्षण की लड़ाई लड़नी होगी।उन्हीने कहा कि आज देश मे महा एकता बन रही है। मोदी सरकार इस एकता से डर गई। वह विपक्ष के नेताओं को डर रही है। इस लिए एकता बड़ी बननी चाहिए। इस बार यह नारा गूंजना चाहिए कि एक भी गरीब – दलित का बोट भाजपा को नही जाना चहिए। उन्होंने कहा कि यह संघठन भोजपुर के ऐतिहासिक संघर्ष के गर्भ आए बनी है इस लिए गांव – गांव में मसाला जलनी चाहिए। हमने 5 गारण्टी आंदोलन शुरू किया है। जिसमे सभी विधवा , बुजुर्गों, विकलांगो, को 3000 रुपया पेंशन , आदि मांग होगी। अंत मे उन्होंने कहा कि 2024 में गरीब – मजदूरों के व्यापक एकता बना कर भाजपा को धूल चटायेगी भोजपुर की जनता।


सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए खेग्रामस के सम्मानित अध्यक्ष व आरा के पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि हमने जो लड़ कर आजादी के बाद संविधान बनाया था आज वह खतरे में है। जब संविधान बना था तो बजरंग दल और आरएसएस ने इसका विरोध किया था। उसने कहा था कि हमारे पास मनुस्मृति है जिसमे महिलाओं , दलितों को दमित को दमित करने की बात है ।आज 75 वर्ष बाद भी मोदी सरकार अम्बेडकर के संविधान को मटीयामिट कर रही है। हमने खेत मजदूरों, महिलाओं, शिक्षा – स्वास्थ्य के सवाल पर आंदोलन किया और मोदी सरकार इसे खत्म कर रही है।उन्होंने कहा कि देश मे ग्रामीण मजदूरों के पक्ष में कानून बनाने की जरूरत है।सभा को अरवल विधायक महानन्द सिंह, माले नेता राजू यादव सहित कई लोग सम्बोधित किया।अंत मे 31 सदस्यी जिला परिषद व 15 सदस्यी कार्यकारणी का चुनाव हुआ। जिसमें जिला अध्यक्ष मदन सिंह व सचिव जित्तन चौधरी को चुनाव किया गया।

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