रांची : दी इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया नई दिल्ली (ICAI) की प्रोफेशनल डेवलपमेंट कमेटी ने रांची शाखा के सहयोग से द काव्स हरमू रोड में टैक्स आडिट, कोड आफ एथिक्स एंड नई एवेन्यूज फार चार्टर्ड एकाउंटेंट्स विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार में टैक्स आडिट (Tax Audit) विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए नई दिल्ली के विशेषज्ञ और इंस्टीट्यूट के सेंट्रल काउंसिल सदस्य सीए प्रमोद जैन ने कहा कि टैक्स आडिट का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि करदाता का व्यवसाय भारत के आयकर अधिनियम द्वारा लागू कर कानूनों का पालन कर रहा है। टैक्स आडिट पूर्ण होने के बाद टैक्स रिटर्न जमा करना आसान बना देता है क्योंकि टैक्स आडिट के द्वारा खातों को देखकर चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के द्वारा किसी भी त्रुटि या विसंगतियों को पहले ही पकड़ लिया जाता है। हमें यह पहले ही जांच कर लेनी चाहिए कि करदाता टैक्स आडिट के दायरे में आता है या नहीं। उन्होंने बताया कि 2023-24 के लिए टैक्स आडिट सीमा 5 प्रतिशत से अधिक नकद लेनदेन वाले व्यवसायों के लिए 1 करोड़ रुपये 5 प्रतिशत से कम नकद लेनदेन वाले व्यवसायों के लिए 10 करोड़ है। एक चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए टैक्स आडिट की सीमा 60 है।
इन फार्म की हाेती है आवश्यकता :
टैक्स आडिट के विभिन्न फार्मों की विस्तृत विवेचना करते हुए बताया गया कि टैक्स आडिट पूरा करने के लिए चार फार्मों की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। जिसमें फार्म 3सीए उन कंपनियों या पेशेवरों के लिए है जिन्हें अनिवार्य रूप से टैक्स आडिट करना होता है। फार्म 3सीबी ऐसे व्यवसाय या पेशे के लिए है जिसका टैक्स आडिट कराना किसी अन्य कानून के तहत अनिवार्य नहीं है। फार्म 3सीडी फार्म में व्यवसाय और उसके संबंधित लेनदेन के विभिन्न विवरण शामिल होता है। फार्म 3सीई फार्म एनआरआइ और विदेशी कंपनियों के लिए है। यदि कोई भी एनआरआइ या विदेशी कंपनी अपनी सेवाओं के बदले भारतीय कंपनी या सरकार से शुल्क या रायल्टी प्राप्त करती है तो इस फार्म को जमा करना होगा। रिजनल काउंसिल सदस्या सीए मनीषा बियानी ने कहा कि समाज का हर वर्ग या यह कहें कि हर मनुष्य के लिए कोड आफ एथिक्स के एक सीमा निर्धारित है। इस मामले में सीए इंस्टीट्यूट देश की पहली ऐसे प्रोफेशनल बाडी है जो अपने सदस्यों के लिए कोड आफ एथिक्स के रूप में अलग से एक बोर्ड का गठन किया है। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए उनके प्रोफेशन में अनिवार्य रूप से पालन करने के लिए विस्तृत कोड आफ एथिक्स का लिखित नियम बनाया है। सेमिनार के उदघाटन सत्र में अपने स्वागत भाषण में इंस्टीट्यूट की रांची शाखा के अध्यक्ष सीए पंकज मक्कड़ ने कहा कि टैक्स आडिट के लिए समय सीमा 30 सितंबर है। आज अधिकतर लेनदेन डिजिटल माध्यम से हो रहा है। इसमें जीएसटी भी एक प्रमुख तत्व है। इस कारण आज के समय में टैक्स आडिट समय पर पूरा करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
ये रहे उपस्थित :
मंच संचालन सीए शालिनी राजगढ़िया ने किया। सेमिनार में सीए अजोय छाबड़ा, सीए राजेश श्रीवास्तव, सीए पीएन दुबे, सीए बीके बांका, सीए सुमित अग्रवाल, सीए विनोद कुमार पांडेय, सीए राजकुमार, सीए उदय जायसवाल, सीए प्रवीण शर्मा सहित 100 से ज्यादा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स उपस्थित रहे।